Sawan Shivratri 2024: कुछ लोग महाशिवरात्रि को ही शिवरात्रि भी बोलते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। ये दोनों ही त्यौहार अलग-अलग हैं। शिवरात्रि हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर आती है। यह साल में 12 बार पड़ती है।
लेकिन सावन में आने वाली मासिक शिवरात्रि का बहुत महत्व है। सावन शिवरात्रि पर ही कांवड़ यात्रा का जल चढ़ता है। यह अत्यधिक शुभ मानी जाती है। इस दिन शिव भक्त व्रत रखते हैं और भगवान शिव की पूजा करते हैं।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार सावन शिवरात्रि श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस साल यह 02 अगस्त ( 2024 ) शुक्रवार को दोपहर 3 बजकर 26 मिनट से शुरू हो रही है। और 3 अगस्त शनिवार को दोपहर 3 बजकर 50 मिनट पर समाप्त होगी तो आगे हम पूजन विधि के बारे में जानते हैं
Sawan Shivratri 2024: शिवरात्रि क्यों मनाई जाती है
सावन का महीना भगवान शिव को बहुत प्रिय है। कहते हैं कि भगवान शिव ने अमृत मंथन के दौरान निकले हलाहल नामक विष को अपने कंठ में रख लिया था। इसी विष की तपन को शांत करने के लिए इस दिन सभी देवताओं ने उनका जल और पंचामृत से अभिषेक किया था। इसलिए भगवान शिव को नीलकंठ भी कहते हैं। उसी दिन से शिवरात्रि मनाई जाती है।
सनातन धर्म में सावन के महीने का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार सावन महीने की शुरुआत 22 जुलाई (Sawan Somwar 2024) से हो गई है। और इसका समापन 19 अगस्त, 2024 को होगा।
मान्यताओं के अनुसार, सावन का महीना भगवान शिव को बहुत प्रिय है। हिंदू धर्म में देवों के देव महादेव की आराधना के लिए कई व्रत और धार्मिक त्योहार मनाए जाते हैं। सावन माह में मासिक शिवरात्रि पर्व का भी विशेष महत्व है। मासिक शिवरात्रि हर माह की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। सावन के महीने में शिवरात्रि का विशेष महत्व है क्योंकि सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को सबसे अधिक प्रिय है।
इस दिन लोग कांवर में जल भरकर शिवलिंग पर चढ़ाते हैं और पूजा- अर्चना करते हैं ताकि उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकें। यह त्यौहार भगवान शिव और देवी पार्वती के दिव्य मिलन का प्रतीक है और पति-पत्नी के बीच प्रेम और भक्ति के बंधन को दर्शाता है।
Sawan Shivratri 2024: सावन शिवरात्रि का महत्व
शिवरात्रि वाले दिन पूजा-पाठ करने और व्रत करने से इंसान की सारी मनोकामनाएं पूरी होती है। इस दिन व्रत करने से इंसान की सारी समस्याएँ दूर हो जाती है। शिवरात्रि के बारे में कहा जाता है कि अगर कुवांरी कन्या इस दिन व्रत रखती हैं तो उन्हें मनचाहा वर मिल जाता है और विवाह में आ रही रूकावट दूर हो जाती है।
शिव पुराण के अनुसार जो कोई व्यक्ति पूजा करता है और व्रत रखता है उसकी सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। भगवान की कृपा से उसके सारे बिगड़े काम बन जाते हैं। भगवान शिव का यह व्रत संतान प्राप्ति और रोग मुक्ति के लिए भी किया जाता है। जो व्यक्ति श्रावन मास में शिवरात्रि व्रत एवं सोमवार व्रत का पालन करता है, उन्हें जीवन में सुख-समृद्धि और अक्षय पुण्य के समान फल की प्राप्ति होती है।
Sawan Shivratri 2024: शिवरात्रि की पूजा विधि
शिवरात्रि वाले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। पूजा अनुष्ठान शुरू करने से पहले पूजा कक्ष को साफ कर लें। भगवान शिव की प्रतिमा और शिवलिंग का जलाभिषेक करें। पंचामृत और गंगाजल से अभिषेक करें। अलग-अलग फूल, बेल पत्र, भांग और धतूरा चढ़ाएं। पुरुष शिवलिंग पर जनेऊ चढ़ा सकते हैं, लेकिन महिलाओं को जनेऊ नहीं चढ़ाना चाहिए। सफेद चंदन से शिव जी के माथे पर त्रिपुंड बनाएं। देसी घी का दीया जलाएं और भगवान शिव को खीर का भोग लगाएं। रुद्राक्ष की माला से “महामृत्युंजय मंत्र” का 108 बार जाप करें।
इसके अलावा भगवान शिव को अक्षत, मीठा पान, मौसमी फल चढ़ाएं। सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए महिलाएं देवी पार्वती को शृंगार का सामान अर्पित करें। अंत में भगवान शिव की आरती करें।
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