Raksha Bandhan: रक्षा बंधन का इतिहास, महत्व, और उद्देश्य

Raksha Bandhan

Raksha Bandhan को हम सभी भाई-बहन बड़े प्रेम और स्‍नेह के साथ हर साल मनाते हैं। बहनें थाल सजाकर भाई की आरती करती हैं, माथे पर तिलक लगाकर राखी बांधती हैं। और भगवान से प्रार्थना करती हैं कि वह हमेशा स्‍वस्‍थ और खुश रहे। और अपने जीवन में हर सफलता को प्राप्त करे।

राखी बांधने के ये रहेंगे मुहूर्त

रक्षाबंधन पर भाई को राखी बांधने के लिए दो शुभ मुहूर्त निर्धारित किए गए हैं। आप इनमें से किसी भी मुहूर्त में राखी बांध सकती हैं। पहला शुभ मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 46 मिनट से लेकर शाम 04 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। इस समय अवधि में कुल 2 घंटे 33 मिनट का समय उपलब्ध रहेगा।

दूसरा शुभ मुहूर्त- इसके अलावा आप शाम के समय प्रदोष काल में भी भाई की कलाई पर राखी बांध सकती हैं. इस दिन शाम 06 बजकर 56 मिनट से रात 09 बजकर 07 मिनट तक प्रदोष काल रहेगा.

Raksha Bandhan : रक्षा बंधन ( Raksha Bandhan ) क्यों मनाया जाता है ?

रक्षा बंधन (Raksha Bandhan) भाई-बहनों के बीच अटूट प्यार को दर्शाने के लिए मनाया जाता है। यह त्यौहार प्रतिवर्ष श्रावण मास (सावन माह) की पूर्णिमा तिथि (पूर्णिमा दिवस) पर पड़ता है। इस दिन बहनें पूजा-अर्चना करके भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनके स्वास्थ्य व जीवन में सफल होने की कामना करती हैं। वहीं भाई अपनी बहनों की रक्षा करने, उन्हें प्यार करने और परेशानी में उनकी मदद करने का वचन देते हैं।

Raksha Bandhan

Raksha Bandhan का इतिहास ( History of Raksha Bandhan )

Raksha Bandhan हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान कृष्ण की उंगली सुदर्शन चक्र से गलती से कट गई थी। यह देखकर द्रौपदी ने खून रोकने के लिए अपनी साड़ी से कपड़े का एक टुकड़ा फाड़कर चोट पर बांध दिया। भगवान कृष्ण उनके हाव-भाव से बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने हमेशा उनकी रक्षा करने का वचन दिया। उन्होंने यह वचन तब पूरा किया जब द्रौपदी को हस्तिनापुर के शाही दरबार में सार्वजनिक अपमान का सामना करना पड़ा। जब द्रौपदी का चीरहरण हो रहा था तब श्री कृष्ण ने उनके मान सम्मान की रक्षा की थी और अपने दिए हुए वचन को पूरा किया था।

रक्षा बंधन का महत्व

रक्षा बंधन का त्यौहार भाई-बहन के प्यार व भाइयों द्वारा बहनों की रक्षा के प्रतीक के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन बहनें, भाइयों को राखी बांधती हैं और उन्हें मिठाइयां खिलाती हैं। वहीं, भाई इस दिन बहनों की रक्षा करने का वचन देते हैं।

यह परम्परा हमारे भारत में काफी प्रचलित है, और ये श्रावण मास की पूर्णिमा का बहुत बड़ा त्यौहार है।

Raksha Bandhan एक पारंपरिक हिंदू त्योहार

रक्षा बंधन, जिसे राखी के नाम से भी जाना जाता है, एक पारंपरिक हिंदू त्योहार है, जो भारत में बहुत महत्व रखता है। रक्षा बंधन पूरे भारत में मनाया जाता है। यह त्योहार भाइयों और बहनों के बीच के बंधन का जश्न मनाता है। “रक्षा बंधन”शब्द का अर्थ ही “सुरक्षा का बंधन” है। बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और बदले में भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वादा करता है।

रक्षा बंधन वाले दिन सिर्फ एक बहन भाई के ही राखी नहीं बांधती बल्कि अपने चाचा ,ताऊ और अपने कजिन को भी राखी बांधती है। राखी दोस्त को भी बाँधी जाती है क्यूंकि एक अच्छा दोस्त भाई के जैसा होता है। कुल मिलाकर, रक्षा बंधन एक हृदयस्पर्शी उत्सव है जो रिश्तों के महत्व पर जोर देता है, विशेष रूप से भाई-बहनों के बीच के बंधन पर, और प्यार, देखभाल और सुरक्षा के मूल्यों को बढ़ावा देता है।

Raksha Bandhan: राखी कब उतारते हैं ?

भाई जब तक चाहें राखी पहन सकते हैं, या जब तक राखी अच्छी स्थिति में है, तब तक पहन सकते हैं। राखी त्यौहार के बाद 15वें दिन भाइयों द्वारा उतारी जा सकती है क्यूंकि इस दिन को पोला के नाम से जाना जाता है, यह वह दिन है जब किसान देवता मारबोट देव की पूजा करते हैं।

Raksha Bandhan का मुख्या उद्देश्य क्या है ?

रक्षा बंधन का प्राथमिक महत्व भाई-बहन के बीच के बंधन का त्यौहार है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं, जो एक-दूसरे के प्रति उनके प्यार, देखभाल और सुरक्षा का प्रतीक है। बदले में भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और रक्षा करने का वादा करते हैं।

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