Kojagara Puja 2024, धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा के लिए मनाया जाने वाला त्योहार है। यह त्योहार आश्विन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है। कई जगहों पर इसे कोजागर पूजा के नाम से भी जाना जाता है। कोजागरा पूजा 16 अक्टूबर, दिन बुधवार को मनाई जाएगी।
हिन्दू धर्म में Kojagara Puja को बेहद शुभ माना जाता है। यह त्योहार असम, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा जैसे राज्यों में बहुत खुशी और उल्लास के साथ मनाया जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, इस त्योहार को सितंबर या अक्टूबर के महीने में मनाते हैं। कोजागरा पूजा के पीछे कई मान्यताएं हैं, जैसे: मान्यता है कि इस दिन समुद्र मंथन के दौरान मां लक्ष्मी प्रकट हुई थीं। इसलिए, शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है। इस दिन विधिवत पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि बनी रहती है और घर अन्न, धन से भरा रहता है। माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है।
माना जाता है कि जो व्यक्ति चांद की रौशनी में रखी गयी खीर को खाता है, उसके सारे दुःख-दर्द दूर हो जाते हैं। इस त्योहार पर घर के बड़े बुजुर्ग वर को दही लगाकर दीर्घायु औऱ सुखद वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद देते हैं। लोग मखाना,पैसे और बताशे लुटाकर उत्सव का आनंद लेते हैं। इस त्योहार को विवाह के बाद दूसरा सबसे बड़ा उत्सव माना गया है।
Kojagara Puja 2024 : कोजागरा पूजा शुभ मुहूर्त
कोजागरा पूजा 16 अक्टूबर, दिन बुधवार को मनाई जाएगी। पूजा का शुभ मुहूर्त 16 अक्टूबर, रात 8 बजकर 41 मिनट से 17 अक्टूबर, शाम 4 बजकर 56 मिनट तक रहेगा।
Kojagara Puja 2024 : कोजागरा पूजा का महत्व
धन की देवी माँ लक्ष्मी को खुश करने के लिए Kojagara Puja की जाती है। हिंदू धर्म के अनुसार, अश्विन महीने की पूर्णिमा को ‘जागरण की रात’ के रूप में यह त्योहार मनाया जाता है और ऐसा माना जाता है कि भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए माँ लक्ष्मी पृथ्वी पर आती हैं। जो भक्त अपनी भक्ति के साथ पूजा अनुष्ठानों का पालन करते हैं उन्हें देवी से समृद्धि, धन और दिव्य आशीर्वाद मिलता है।
माता लक्ष्मी के आठ अलग-अलग स्वरूप हैं और उनमें से किसी पर भी ध्यान केंद्रित करके आप उनका आशीर्वाद पा सकते हैं। संतान लक्ष्मी, कमला लक्ष्मी, धन्य लक्ष्मी, वैभवलक्ष्मी, धनलक्ष्मी, राजलक्ष्मी, विजय लक्ष्मी और ऐश्वर्या लक्ष्मी देवी लक्ष्मी के आठ रूप हैं।
इस त्योहार पर खीर बनाने का विशेष महत्व है। दूध, जिसे चंद्रमा का प्रतीक माना जाता है, इसका उपयोग स्वादिष्ट व्यंजन बनाने के लिए किया जाता है। इसके अलावा, जो व्यक्ति व्रत रखते हैं और विधि – विधान से पूजा पाठ करते हैं, उन्हें मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।
Kojagara Puja 2024 : कोजागरा पूजा विधि
Kojagara Puja, आश्विन महीने की पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस दिन सबसे पहले सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें, उसके बाद व्रत का संकल्प लें। पूजा के लिए पीतल, तांबे, चांदी, या सोने से बनी मां लक्ष्मी की मूर्ति लें। मूर्ति को नए वस्त्र पहनायें। पूजा के लिए पूजा स्थान को साफ़ करें और उस पर लाल कपड़ा बिछाएं। उसके बाद मूर्ति स्थापित करने के बाद घी का दीपक जलायें, और लक्ष्मी-गणेश सहित नवग्रह देवताओं का आवाहन करें। पूजा के बाद हाथों में रक्षा सूत्र बांधें। पूजा के बाद मंत्रों का उच्चारण करें। इस दिन चांद की रोशनी में दूध से बनी खीर रखी जाती है, उस खीर का भोग लगायें। उसके बाद खीर को ब्राह्मणों को प्रसाद के रूप में दें। अगले दिन मां लक्ष्मी की पूजा करके व्रत का पारण करें।
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