Gayatri Jayanti 2024: गायत्री जयंती क्यों और कब मनाई जाती है ? जानें इसका महत्व

Gayatri Jayanti 2024

Gayatri Jayanti 2024: हिंदू धर्म में मां गायत्री को वेदमाता कहा जाता है। क्यूंकि वेदों की उत्पत्ति इन्हीं से हुई है। माता गायत्री को भारतीय संस्कृति की जननी भी कहते है। धर्म शास्त्रो के अनुसार, गायत्री जयंती ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। आगे की जानकारी के लिए पूरा पढ़ें।

गायत्री माता हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण देवी हैं। गायत्री मंत्र, जो वेदों का सबसे पवित्र मंत्र माना जाता है, उन्हीं से जुड़ा हुआ है। इस मंत्र का जाप ज्ञान, बुद्धि और विवेक को बढ़ाने के लिए किया जाता है। वह ज्ञान की देवी कहलाती जाती हैं। मां गायत्री को वेदमाता भी कहते हैं। माता गायत्री नारी शक्ति का प्रतीक कहलाती हैं। उन्हें चार वेदों की मां भी कहा जाता है। ये चार वेद हैं ऋगवेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद।

Gayatri Jayanti 2024: गायत्री जयंती क्यों मनाते हैं ?

गायत्री जयंती के पर्व का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। ये त्योहार मां गायत्री के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मां गायत्री की पूजा की जाती है। मां गायत्री को वेदमाता भी कहते हैं। माता गायत्री नारी शक्ति का प्रतीक कहलाती हैं। धर्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां गायत्री के अंदर तीन देवियों का निवास होता है। ये देवियां मां दुर्गा, मां लक्ष्मी और मां सरस्वती हैं। मां गायत्री की पूजा ज्ञान की देवी के रूप में की जाती है। इनकी उपासना करने से व्यक्ति को बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही इनकी पूजा करने से व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा मिलती  है।

देवी गायत्री के पांच सिर हैं और 10 हाथ हैं। उनके पांच सिर पंचतत्वों को दर्शाते हैं। ये पांच तत्व हैं पृथ्वी, अग्नि, जल, वायु और आकाश। वहीं देवी गायत्री के 10 हाथ हैं और दसों हाथों में 10 अलग-अलग चीजें हैं। वो कमल के फूल पर विराजमान होती हैं।

Gayatri Jayanti 2024: कब है गायत्री जयंती ?

हिन्दू धर्म के अनुसार, प्रतिवर्ष सावन मास की पूर्णिमा तिथि को गायत्री जयंती मनाई जाती है। माना जाता है कि इस पुण्य तिथि को माता गायत्री का जन्म हुआ था। साल 2024 में यह तिथि सोमवार 19 अगस्त को पड़ रही है। इस तिथि को रक्षाबंधन त्योहार भी मनाया जायेगा।

Gayatri Jayanti 2024: मां गायत्री को वेदमाता क्यों कहते हैं ?

हिंदू धर्म में माता गायत्री को भारतीय संस्कृति की जननी कहा गया है। मान्यता के अनुसार वेदों की उत्पत्ति माता गायत्री से हुई है। धर्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां गायत्री के अंदर तीन देवियों का निवास होता है। ये देवियां मां दुर्गा, मां लक्ष्मी और मां सरस्वती हैं। वेदों की उत्पत्ति में इन तीनों शक्तियों का योगदान होने के कारण गायत्री माता को वेद माता कहा गया है।  शास्त्रों के अनुसार, गायत्री मंत्र सभी वेदों का सार है। इसलिए मां गायत्री को वेदमाता कहते है।

Gayatri Jayanti 2024: माँ गायत्री का महत्व

हिंदू धर्म में गायत्री माता का बहुत महत्व है। गायत्री माता के आशीर्वाद से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। गायत्री मंत्र का नियमित जाप करने से व्यक्ति के जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है और अपने जीवन में उन्नति करता है। उन्हें वेदों की जननी कहा जाता है। वेदों की उत्पति के कारण इन्हें वेदमाता भी कहा जाता है।  माँ गायत्री को सभी देवी-देवताओं की अधिष्ठात्री देवी माना गया है।

धर्म ग्रंथों के अनुसार, मां गायत्री की उपासना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। कुछ मान्यताओं के अनुसार, सृष्टि के रचनाकार ब्रह्मा जी ने गायत्री माता की मदद से ब्रह्मांड की रचना की थी। उनके पांच सिर पंचतत्वों को दर्शाते हैं। ये पांच तत्व हैं पृथ्वी, अग्नि, जल, वायु और आकाश। इसलिए हिन्दू धर्म में माँ गायत्री अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

Gayatri Jayanti 2024: गायत्री मंत्र का महत्व

गायत्री मंत्र हिंदू धर्म में सर्वाधिक पवित्र और प्रभावशाली माने गए हैं। गायत्री मंत्र का नियमित जाप करने से व्यक्ति बुद्धिमान बनता है और उसमें सही निर्णय लेने की क्षमता विकसित होती है। गायत्री मंत्र के नियमति जाप से जीवन में किसी वस्तु की कभी कमी नहीं होती। मान्यता के अनुसार, गायत्री मंत्र का जाप मन को शांति देता है और तनाव को कम करता है। यह मंत्र कई प्रकार के रोगों से मुक्ति दिलाता है।

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