Garuda Purana हिंदू धर्म के 18 महापुराणों में से एक है। इस ग्रंथ में 19 हजार श्लोक हैं, जिसके सात हजार श्लोक इंसान के जीवन से संबंधित है। इसमें स्वर्ग, नरक, रहस्य, नीति, धर्म और ज्ञान का उल्लेख किया गया है।
गरुड़ पुराण एक ऐसा ग्रंथ है, जिसमें मृत्यु से पहले और मृत्यु के समय होने वाले रहस्यों के बारे में बताया गया है। इसमें बताया गया है कि मरने के बाद आत्मा का क्या होता है, आत्मा किन यातनाओं से गुजरती है। ग्रंथों के अनुसार आत्मा को कर्मों के अनुसार फल भोगने पड़ते हैं। वहीं, इसमें बताया गया है कि मरने से पहले हमारे साथ क्या होता है और आत्मा कहाँ जाती है।
हिंदू धर्म के लोगों के लिए मृत्यु के बाद गरुड़ पुराण का पाठ करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। गरुड़ पुराण में उन्नीस हजार श्लोक हैं और इनको दो भागों में बांटा गया है। पहले भाग में भगवान विष्णु की भक्ति और पूजा की विधियों का उल्लेख है और दूसरे भाग में राक्षस युग का विस्तृत वर्णन किया गया है।
शास्त्रों के अनुसार गरुड़ पुराण एक मात्र ऐसा पुराण है, जिसमें मृत्यु के रहस्य को लेकर हर सवाल का जवाब है। इसमें यह भी बताया गया है कि मरने से ठीक एक घंटे पहले इंसान को क्या-क्या दिखाई देता है। इन सब के बारे में गरुड़ पुराण में विस्तार से बताया गया है।
Garuda Purana: गरुड़ पुराण क्यों और कब पढ़ा जाता है ?
शास्त्रों के अनुसार, घर में किसी सदस्य की मृत्यु के बाद गरुड़ पुराण का पाठ किया जाता है। गरुड़ पुराण हिंदू धर्म का एक ऐसा ग्रंथ है, जिसमें भगवान विष्णु द्वारा मृत्यु के पहले और मृत्यु के बाद की घटनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि, मृत्यु के बाद मृतक की आत्मा 13 दिनों तक अपने घर में ही रहती है। इसीलिए मृतक की आत्मा की शांति के लिए गरुड़ पुराण का पाठ कराया जाता है।
मृतक के घर पर गरुड़ पुराण का पाठ होने से उसे स्वर्ग-नरक, गति-सद्गति, अधोगति, दुर्गति आदि के बारे में पता चलता है। साथ ही उसे यह भी पता चलता है कि, मार्ग में उसे किन-किन यातनाओं का सामना करना पड़ता है। और कर्मों के अनुसार उसे कोन सा लोक मिलेगा।
मृतक के घर पर जब गरुड़ पुराण का पाठ होता है तो घर के सभी लोग एक साथ बैठकर इसे सुनते हैं। ऐसे में परिजनों को भी पता चलता है कि किन कर्मों से नरक और किन कर्मों से स्वर्ग मिलता है। मान्यता है कि जब घर पर किसी की मृत्यु होती है तो पूरे 13 दिनों तक गरुड़ पुराण का पाठ कराने का विधान है। गरुड़ पुराण का पाठ कराने से आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
Garuda Purana: मृत्यु के समय पितृ दिखाई देते हैं
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि जब व्यक्ति की मृत्यु होती है तो उससे पहले उसे अपने पूर्वजों के दर्शन होते हैं। पुराण के अनुसार, जब इंसान आखिरी सांस ले रहा होता है, तब उसे अपने पितृ दिखाई देते हैं। आखिरी समय में इंसान को ऐसा महसूस होता है कि वे लोग उसे अपने पास बुला रहे हैं।
Garuda Purana: मरने से पहले याद आते हैं कर्म
गरुड़ पुराण के अनुसार, व्यक्ति को मरने से कुछ समय पहले अपने जीवन में किये गए कर्म और घटनाएं दिखाई देने लगती हैं। जब व्यक्ति आखिरी सांस ले रहा होता है, तो वह अपने कर्मों को याद करता है और अपने कर्मों के अनुसार वह खुद अपना न्याय करता है। वह खुद देखता है कि उसने कितने पुण्य किये हैं और कितने पाप किये हैं। ऐसा बताया जाता कि पुण्य और पाप का आंकलन करने के बाद ही व्यक्ति के प्राण निकलते हैं।
Garuda Purana: मरते समय दिखते हैं यमदूत
गरुड़ पुराण के अनुसार, जीवन के आखिरी पलों में व्यक्ति को यमदूत दिखाई देते हैं, जो व्यक्ति की आत्मा को अपने साथ ले जाने के लिए आते हैं। जब व्यक्ति को अपने आस-पास यमदूत के होने का अहसास होता है, तो उन्हें समझ जाना चाहिए कि अब उनकी कुछ ही सांसें बची हैं।
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