Kalki Avatar: Kalki Puran जो महर्षि वेदव्यास द्वारा आज से हज़ारों साल पहले अपनी दिव्यदृष्टि द्वारा संस्कृत भाषा में लिखी गयी थी। इसे हिंदी भाषा में रूपांतरित किया गया है। कल्कि पुराण 18 पुराणों में से एक है।
भगवत गीता में स्वं श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा है – जब जब धर्म की हानि होती है, तब तब ईश्वर इस धरती पर अवतार लेते हैं। अधर्म का नाश करते हैं और पुनः धर्म की स्थापना करते हैं। जब जब इस पृथ्वी को अधर्म ने घेरा है, तब तब हर युग में भगवान् विष्णु ने दुष्टों का नाश करने के लिए धरती पर अवतार लिया है।
सतयुग में प्रभु विष्णु ने पृथ्वी को राक्षस हिरण्याक्ष और राक्षस हिरण्यकश्यप के अत्याचारों से मुक्त कराने के लिए भगवान् वराह और भगवान् नरसिंह ने अवतार लिया।
Kalki Avatar: त्रेतायुग में भगवान् विष्णु ने सभी अत्याचारी राजवंशियों का नाश करने के लिए भगवान् परशुराम का अवतार लिया। रावण का नाश करने के लिए भगवान् विष्णु श्री राम के रूप में अवतरित हुए।

द्वापरयुग में कंश के अत्याचारों से इस पृथ्वी को मुक्त कराने के लिए प्रभु विष्णु ने श्री कृष्ण के रूप में जन्म लिया। और महाभारत के युद्ध में अर्जुन के सारथी बनकर ‘गीता‘ का उपदेश दिया। महाभारत युद्ध के बाद जब द्वापरयुग का अंत हुआ तब श्री कृष्ण ने पुनः धर्म स्थापित कर एक नए युग ‘कलयुग’ की शुरुआत की।
जब जब पृथ्वी पर अधर्म ने अपनी सीमा लाँघी तब तब इस श्रष्टि के पालनहार श्री विष्णु ने हर युग में अवतार लिया और अधर्म का नाश कर पुनः धरती पर धर्म की स्थापना की। और एक नए युग की शुरुआत की।
सतयुग के अंत के बाद त्रेतायुग आया, त्रेतायुग के अंत के बाद द्वापरयुग और द्वापरयुग के बाद कलयुग आया। भगवान् विष्णु ने हर युग के अंत में ही इस धरती पर अवतार लिया है।
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Kalki Avatar: कलयुग की स्थापना और अंत
महाभारत युद्ध के बाद जब द्वापरयुग का अंत हुआ तब श्री कृष्ण ने पुनः धर्म स्थापित कर एक नए युग ‘कलयुग’ की शुरुआत की। पुराणों के अनुसार कलयुग का इतिहास 4,32,000 वर्ष का होगा जिसमें से कलयुग को स्थापित हुए सिर्फ 5,122 वर्ष का समय ही हुआ है। धीरे धीरे मनुष्य ने अधर्म को अपनाना शुरू कर दिया है और धर्म को त्यागना शुरू कर दिया है। लेकिन अभी भी इस धरती पर धर्म, अधर्म से कहीं अधिक है। लोग अभी प्रभु की भक्ति में लीन हैं, एक दूसरे के प्रति दयावान हैं। परन्तु एक समय ऐसा भी आयेगा जब इस धरती पर अधर्म बहुत बढ़ जायेगा कि मनुष्य अपने स्वार्थ के लिए मनुष्य का ही सर्वनाश करने लगेगा और मनुष्य स्वमं ही जानवरों की भांति व्यवहार करने लगेगा।

नदियों का पानी सूख जायेगा, रिश्तों की मर्यादा भी ख़त्म हो जाएगी। मेघों से पानी की वर्षा की जगह तेजा की वर्षा होगी और इस धरती पर कोई हरियाली नहीं बचेगी।
स्वंम को जीवित रखने के लिए मनुष्य ही मनुष्य को मारकर खायेगा। इस संसार से प्रेम और धर्म का सर्वनाश हो जायेगा।
जब पृथ्वी पर अधर्म बहुत बढ़ जायेगा तब राक्षस कलिपुरुष अपने भौतिक रूप में आयेगा। और समस्त संसार पर अपना अधिकार जमायेगा। वह अपनी शक्तियों से पुरे संसार पर अत्याचार करेगा।
Kalki Avatar का जन्म
राक्षस कलिपुरुष के अत्याचारों से इस संसार को बचाने के लिए भगवान् विष्णु Kalki का अवतार लेंगे।

राक्षस कलिपुरुष के अत्याचारों से इस संसार को बचाने के लिए भगवान् विष्णु अपने सबसे शक्तिशाली रूप को भगवान् Kalki Avatar के रूप में धारण करेंगे। परन्तु जिस प्रकार त्रेतायुग में भगवान् श्री राम का जन्म राजा दशरथ के घर हुआ था और श्री कृष्ण को जन्म माता देवकी ने दिया था, उसी प्रकार भगवान् Kalki Avatar का जन्म सम्भल गांव में विष्णु यश नामक ब्राह्मण के घर होगा। उनकी माता का नाम सुमति होगा। भगवान् Kalki Avatar का रूप प्रभु विष्णु का सबसे शक्तिशाली अवतार होगा। जहाँ प्रभु विष्णु का श्री राम अवतार 12 गुणों से युक्त था और प्रभु श्री कृष्ण 16 गुणों से सुसज्जित थे। भगवान् Kalki पूर्ण 64 गुणों से सुसज्जित होंगे। जिनका अवतार कलयुग के अंत में होगा।

समस्त जगत को राक्षस कलिपुरुष के अत्याचारों से मुक्त कराने हेतु प्रभु विष्णु कल्कि का अवतार लेंगे। आजतक के सबसे शक्तिशाली राक्षस कलिपुरुष का अंत करने के लिए भगवान् विष्णु भी अपना सबसे शक्तिशाली कल्कि अवतार लेंगे। भगवान् कल्कि अपने दोनों हातों में तलवार लिए हुए अपने श्वेत अश्व देवदत्त पर सवार होकर राक्षस कलिपुरु से युद्ध करेंगे और 7 जिरंजीवी जो अभी तक भगवान् विष्णु के कल्कि के अवतार की प्रतीक्षा कर रहे हैं। हनुमान जी ,परशुराम जी ,राजा बली,महर्षि वेदव्यास ,कृपाचार्य ,अशुद्धामा और विभीषण भी उस युद्ध में भगवान् कल्कि के साथ होंगे।
माता लक्ष्मी ,स्वरुप देवी पदमा और माँ वैष्णो देवी, स्वरुप देवी रमा भगवान् कल्कि की अर्धांगिनी होंगी। माँ वैष्णो को त्रेतायुग में श्री राम द्वारा दिए गए वचन को पूर्ण करने के लिए भगवान् कल्कि माँ वैष्णो को भी अपनी अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार करेंगे।
राक्षस कलिपुरुष के अत्याचारों से समस्त जगत को बचाने के लिए भगवान् Kalki Avatar 7 चिरंजीवी के साथ मिलकर युद्ध करेंगे। और राक्षस कलिपुरुष और सभी अधर्मियों का नाश करेंगे। भगवान् कल्कि और राक्षस कलिपुरुष का इस श्रष्टि पर सबसे भयंकर और महाप्रलयकारी युद्ध होगा और उस के बाद केवल धर्मी पुरुष ही जीवित बचेंगे और हर अधर्मी का इस श्रष्टि से सर्वनाश हो जायेगा।
भगवान् Kalki कलयुग का अंत कर देंगे और पुनः संसार में धर्म की स्थापना करेंगे। फिर से शुरुआत होगी एक नए युग की। यानि पुनः इस श्रष्टि में भगवान् Kalki सतयुग की स्थापना करेँगे। जो अत्यंत प्रेम, दया और धार्मिकता से लीन होगा। ऐसा कहा जाता है की भगवान् विष्णु अब तक 25 बार अवतरित हो चुके हैं। भगवान् Kalki भगवान् विष्णु के अंतिम अवतार होंगे।
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