Goa Tourism विभाग ने एक व्यक्ति, रामानुज मुखर्जी, के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की है, जिन पर Goa Tourism की स्थिति के बारे में गलत और भ्रामक जानकारी फैलाने का आरोप है। इस घटना ने सोशल मीडिया पर ध्यान आकर्षित किया है और यह स्थानीय पर्यटन उद्योग पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है, जिससे व्यवसायों को अनावश्यक चिंता और नुकसान हो सकता है जो पर्यटकों के राजस्व पर निर्भर करते हैं।
यह शिकायत Goa Tourism विभाग के उप निदेशक, राजेश काले द्वारा दर्ज की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि मुखर्जी ने अपनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, खासकर X (पूर्व में ट्विटर) का उपयोग करके गोवा में विदेशी पर्यटकों के आगमन के बारे में गलत जानकारी फैलाई। शिकायत के अनुसार, मुखर्जी के पोस्ट में यह दावा किया गया था कि 2019 में 8.5 मिलियन विदेशी पर्यटक गोवा आए थे, जो 2023 में घटकर केवल 1.5 मिलियन रह गए। यह आंकड़े काफी बढ़ा-चढ़ाकर पेश किए गए थे और गोवा पर्यटन विभाग के अनुसार, ये आंकड़े बिल्कुल गलत हैं।
मुखर्जी ने अपनी पोस्ट में चीन आर्थिक सूचना केंद्र (CEIC) के आंकड़ों का हवाला दिया था; हालांकि, इन आंकड़ों की विश्वसनीयता पर सवाल उठे हैं क्योंकि मुखर्जी ने इस जानकारी को साझा करने से पहले गोवा पर्यटन विभाग से संपर्क नहीं किया था। इसके अलावा, उन्होंने जो डेटा साझा किया, उसे भी न तो सत्यापित किया गया था और न ही इस पर कोई विचार-विमर्श किया गया था, जिससे इसके वास्तविकता और विश्वसनीयता पर संदेह उत्पन्न होता है। पर्यटन अधिकारियों का कहना है कि ऐसे बिना पुष्टि किए गए दावे न केवल चिंता फैला सकते हैं, बल्कि गोवा की छवि को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं, जो एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में जानी जाती है।
मुखर्जी ने X पर अपनी पोस्ट में कहा था, “Goa Tourism पूरी तरह से गिर चुका है। विदेशी पर्यटकों ने पहले ही राज्य को छोड़ दिया है। 2019 और 2023 के आंकड़े देखिए। रूसियों और ब्रिटिशों ने, जो हर साल आते थे, अब श्रीलंका का रुख किया है। भारतीय पर्यटक अब भी आ रहे हैं, लेकिन जल्द ही वे भी इसे छोड़ सकते हैं, क्योंकि पर्यटकों का शोषण किया जा रहा है और विदेशों में बहुत से सस्ते और तुलनात्मक रूप से अच्छे स्थान हैं।”
हालांकि, मुखर्जी द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, गोवा में विदेशी पर्यटकों के आगमन में 8.5 मिलियन से 1.5 मिलियन तक की गिरावट आई है, लेकिन आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, गोवा में कभी भी इस स्तर पर विदेशी पर्यटक नहीं आए थे। 2014 से 2019 के बीच उच्चतम वर्षों में, गोवा में हर साल लगभग 0.8 मिलियन विदेशी पर्यटक ही आए थे। इस प्रकार, मुखर्जी द्वारा साझा किए गए आंकड़े न केवल गलत थे, बल्कि उन्होंने गोवा के पर्यटन क्षेत्र का एक विकृत चित्र प्रस्तुत किया था।
Goa Tourism विभाग ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि मुखर्जी ने स्थानीय व्यवसायों और पर्यटन उद्योग को नुकसान पहुंचाया है। पोस्ट ने स्थानीय समुदाय और पर्यटकों में डर और चिंता पैदा की, जिससे लोगों को यह विश्वास हुआ कि Goa Tourism तेजी से घट रहा है। बिना पुष्टि किए गए आंकड़े फैलाने से स्थिति और बिगड़ गई। गोवा सरकार के पर्यटन विभाग का मानना है कि इस तरह की गलत जानकारी फैलाने का उद्देश्य गोवा की छवि को नुकसान पहुंचाना और इसके आर्थिक विकास को बाधित करना हो सकता है, खासकर पर्यटन क्षेत्र को।
गोवा सरकार के पर्यटन विभाग ने अब इस मामले को गंभीरता से लिया है और पनजी स्थित साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में एक औपचारिक शिकायत दर्ज की है। शिकायत में, उप निदेशक राजेश काले ने कहा कि मुखर्जी का पोस्ट “लोक सेवा में गड़बड़ी” पैदा कर सकता है, जो गोवा की राज्य छवि को नुकसान पहुंचाने और इसके पर्यटन उद्योग को कमजोर करने के उद्देश्य से किया गया हो सकता है। पर्यटन अधिकारी ने यह भी कहा कि इस तरह की जानकारी से न केवल भ्रम पैदा हो सकता है बल्कि यह आगंतुकों को भी भ्रमित कर सकता है, जिससे उनका यात्रा करने का निर्णय प्रभावित हो सकता है।
इस मामले ने सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं की जिम्मेदारी और जानकारी फैलाने में सत्यता की आवश्यकता के बारे में चर्चा शुरू कर दी है। आज के डिजिटल युग में, गलत जानकारी जल्दी फैल सकती है और व्यापक रूप से लोगों तक पहुँच सकती है, जिसका बड़ा प्रभाव हो सकता है। पर्यटन उद्योग, जो जनता की धारणाओं पर निर्भर करता है, में गलत जानकारी फैलाने से गंभीर परिणाम हो सकते हैं। मुखर्जी के पोस्ट ने Goa Tourism क्षेत्र के बारे में नकारात्मकता को बढ़ावा दिया, बिना किसी ठोस प्रमाण के।
Goa Tourism विभाग अब इस मामले की जांच का इंतजार कर रहा है और अधिकारियों ने सोशल मीडिया पर गलत जानकारी फैलाने को लेकर कड़ी कार्रवाई का संकेत दिया है। यह मामला सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को यह याद दिलाने का एक अवसर है कि बिना सत्यापित जानकारी फैलाना कानूनी और सामाजिक परिणामों का कारण बन सकता है। जब Goa Tourism उद्योग महामारी के बाद फिर से उबर रहा है, तो यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि जो भी आंकड़े और जानकारी साझा की जाएं, वे सही और विश्वसनीय स्रोतों पर आधारित हों।
अंत में, Goa Tourism विभाग द्वारा रामानुज मुखर्जी के खिलाफ पुलिस शिकायत यह दर्शाता है कि जिम्मेदार सोशल मीडिया उपयोग कितनी महत्वपूर्ण है, खासकर उन मामलों में जहां यह क्षेत्र की अर्थव्यवस्था और सार्वजनिक छवि पर प्रभाव डाल सकता है। इस मामले की जांच का परिणाम भविष्य में पर्यटन क्षेत्र और अन्य क्षेत्रों में गलत जानकारी के मामलों के लिए एक उदाहरण स्थापित कर सकता है।
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