MP Education System: मध्य प्रदेश में सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था की स्थिति बेहद चिंताजनक है। कई स्कूलों में एक ही शिक्षक को कई कक्षाओं की जिम्मेदारी सौंप दी गई है, जिससे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही है। इस समस्या का प्रभाव बच्चों के भविष्य पर पड़ सकता है, खासकर रोजगार की संभावनाओं पर।
बैतूल और सिवनी जिलों की जमीनी हकीकत
MP Education System: भोपाल से मात्र 15 किलोमीटर दूर बैतूल जिले के सरकारी स्कूल में पहली से पांचवीं कक्षा तक की पढ़ाई एक ही शिक्षक द्वारा की जाती है। इसी तरह, सिवनी जिले के एक स्कूल में एक कमरे में पांच अलग-अलग कक्षाएँ चल रही हैं। यहां की छत पॉलिथीन से ढकी हुई है और बच्चों को टाट बिछाकर पढ़ना पड़ता है। यह स्थिति सरकारी दावों के विपरीत जमीनी हकीकत को उजागर करती है।
MP Education System: गुलाब सिंह की चुनौती
भोपाल के दौलतपुर गांव में, गुलाब सिंह नामक शिक्षक अकेले पहली से पांचवीं कक्षा तक के बच्चों को पढ़ाते हैं। यहां दो शिक्षक नियुक्त हैं, लेकिन एक नियमित रूप से स्कूल नहीं आते। गुलाब सिंह का कहना है कि पांच कक्षाओं को अकेले पढ़ाना अत्यंत कठिन है और इस तरह की स्थिति शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित करती है।
MP Education System: अतिथि शिक्षकों का विशाल प्रदर्शन
भोपाल में 10 सितंबर 2024 को 8,000 से अधिक अतिथि शिक्षकों ने अंबेडकर मैदान में विशाल प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ आवाज उठाई। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं, तो वे तिरंगा यात्रा और मुख्यमंत्री मोहन यादव के आवास का घेराव करेंगे।
#WATCH | Guest Teachers Gather In Large Number At Ambedkar Nagar In Bhopal, Protests Over Unfulfilled Demands Like Regularisation#MPNews #MadhyaPradesh pic.twitter.com/KU7pYJ3G35
— Free Press Madhya Pradesh (@FreePressMP) September 10, 2024
MP Education System: मुख्य मांगें
अतिथि शिक्षकों ने निम्नलिखित प्रमुख मांगें उठाईं हैं:
- नियमितीकरण: अतिथि शिक्षकों की नौकरियों को स्थायी किया जाए।
- अनुभव अंक: अनुभव के आधार पर अतिरिक्त अंक जोड़े जाएं।
- दूसरा मौका: कम अंक प्राप्त करने वाले शिक्षकों को दूसरा मौका दिया जाए।
- विभागीय परीक्षा: भर्ती के लिए एक अलग विभागीय पात्रता परीक्षा आयोजित की जाए।
- वार्षिक अनुबंध: सत्र 2024-2025 के लिए वार्षिक अनुबंध लागू किया जाए।
शिवराज सिंह चौहान का वादा और विवाद
प्रदर्शन के दौरान, अतिथि शिक्षक संघ के राज्य अध्यक्ष सुनील सिंह परिहार ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का एक साल पुराना वादा याद दिलाया। चौहान ने कहा था कि अतिथि शिक्षकों को स्थायी पद मिलेंगे और वे गुरुजी के समान वेतनमान प्राप्त करेंगे। इसके अलावा, एक विवादास्पद मामला भी सामने आया है जिसमें एक सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य पर महिला अतिथि शिक्षक को स्थायी नौकरी के बदले यौन संबंध की मांग करने का आरोप है।
MP Education System: पुलिस और राजनीतिक प्रतिक्रिया
पुलिस ने आश्वासन दिया है कि इस मामले की जांच की जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी। कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि अगर ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो वे बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करेंगे और एसपी कार्यालय का घेराव करेंगे।
मध्य प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था की बदहाली और अतिथि शिक्षकों का प्रदर्शन यह दर्शाता है कि शिक्षा प्रणाली में सुधार की अत्यधिक आवश्यकता है। शिक्षक की कमी, खराब ढांचा, और प्रशासनिक असहयोग ने शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित किया है। सरकार को इन समस्याओं का समाधान शीघ्र निकालना चाहिए ताकि बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके और उनके भविष्य की संभावनाएँ बेहतर हो सकें।
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