Bengaluru Techie विपिन गुप्ता ने दावा किया की बीवी ने मानसिक प्रताड़ना दी हुई है और उनकी निजी स्वतंत्रता को ख़तम कर दिया है।
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Toggleहाल ही में हुई एक घटना ने काफी ध्यान आकर्षित किया है, क्योंकि इस तरह की घटनायें अक्सर महिलाओ के सन्दर्भ में ज्यादा सुनी जाती है और पुरुषो के सन्दर्भ में कम। इसका यह मतलब कतई नहीं की पुरुष ऐसी परिस्थितियों से दो चार नहीं होते।
घटना के अनुसार बैंगलोर के लगभग दस दिन से लापता एक टेक प्रोफेशनल विपिन गुप्ता को नोएडा के एक मॉल के पास पाया गया और उन्होंने दावा किया की वह घर छोड़ कर चले आये हैं क्योंकि वह अपनी पत्नी से प्रताड़ित हैं।
Bengaluru Techie: लापता होने की घटना
Bangalore Techie 37 वर्षीय विपिन गुप्ता उत्तरी बेंगलुरु के निवासी हैं। वे 4 अगस्त को एटीएम जाने के लिए घर से निकले थे लेकिन फिर घर नहीं पहुंचे। जब वह काफी देर तक घर नहीं पहुंचे तो उनकी अचानक गुमशुदगी से परेशान हो कर उनकी पत्नी ने मजबूर हो कर कोडिगेहाली पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी।
उसके बाद भी चिंतित और बेचैन होकर, उन्होंने सोशल मीडिया का सहारा लिया और पुलिस पर आरोप लगाया कि वे उनके पति को खोजने में पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहे हैं। उस पोस्ट में ही उन्होंने यह भी कहा कि हो सकता है गुप्ता का अपहरण ही हो गया हो। इस सोच ने ही परिवार और अधिकारियों की चिंता बढ़ा रखी थी।
हालांकि बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डे पर सैकड़ों सीसीटीवी फुटेज देखने के बावजूद भी पुलिस को कोई सुराग नहीं मिल सका। गुप्ता का मोबाइल फोन बंद हो चुका था, जिससे पुलिस के पास कोई डिजिटल रास्ता गुप्ता को खोजने का नहीं बचा था। खोज का प्रयास निरर्थक होता दिखाई दे रहा था, लेकिन अचानक ही सब कुछ तब बदल गया जब 10 अगस्त को गुप्ता ने नोएडा में एक नया सिम कार्ड एक्टिवेट किया।
नया सुराग और पुलिस की कार्रवाई
जब Bengaluru Techie गुप्ता ने नया सिम कार्ड खरीदा और इसे अपने पुराने फोन में डाला, तो पुलिस अंततः उन्हें ट्रैक कर पाई। उनकी लोकेशन उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक मॉल के पास मिली, जहां वह फिल्म देखने गए थे। रिपोर्ट के अनुसार, जब सिविल कपड़ों में पुलिसकर्मी गुप्ता के पास पहुंचे, तब गुप्ता को समझ आ गया कि क्या हो रहा है। मुस्कुराते हुए उन्होंने पूछा, “अब क्या?”
पुलिस ने उन्हें बेंगलुरु वापस आने के लिए कहा, लेकिन गुप्ता ने प्रारंभ में मना कर दिया। उन्होंने कहा, “आप मुझे जेल में डाल सकते हैं, मैं वहां रह लूंगा… लेकिन मैं वापस नहीं आऊंगा।” कई घंटों तक, अधिकारियों ने उन्हें मनाने की कोशिश की, अंततः जब उन्हें यह समझाया गया कि उनकी पत्नी द्वारा दर्ज कराई गई गुमशुदगी की शिकायत केवल उनकी उपस्थिति में ही बंद की जा सकती है वह वापस लौटने पर राजी हुए।
Bengaluru Techie Vipin Gupta: बेंगलुरु वापसी और खुलासे
11 अगस्त की सुबह, Bengaluru Techie Vipin Guptaपुलिस अधिकारियों के साथ बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे। थोड़ी देर आराम करने के बाद, उन्होंने पुलिस को औपचारिक बयान दिया, जिसमें उन्होंने अपनी निजी जिंदगी के चौंकाने वाले विवरण बताए। गुप्ता ने दावा किया कि उनकी गुमशुदगी किसी आपराधिक कृत्य का परिणाम नहीं थी, बल्कि वह एक दमनकारी घरेलू वातावरण से भागने की कोशिश कर रहे थे।
“मैं उनका दूसरा पति हूं,” गुप्ता ने पुलिस को समझाया। “जब मैं उनसे करीब तीन साल पहले मिला था, वह एक तलाकशुदा महिला थीं, जिनकी एक 12 साल की बेटी थी। मैं कुंवारा था और उनसे शादी करने के लिए तैयार हो गया। अब हमारी एक आठ महीने की बेटी भी है।”
गुप्ता के अनुसार, उनकी पत्नी बहुत नियंत्रण करती हैं, उनकी स्वतंत्रता को ख़तम कर रखा है। उन्हें लगातार आलोचना का सामना करना पड़ता है। “अगर एक चावल का दाना या रोटी का टुकड़ा मेरी थाली से गिर जाए, तो वह चिल्लाती हैं। मुझे उनके मुताबिक कपड़े पहनने पड़ते हैं और मैं अकेले जाकर एक कप चाय भी नहीं पि सकता,” उन्होंने कहा।
जो तस्वीर इस Bengaluru Techie ने अपने जीवन की पेश की है उस से पता चलता है की अपने जीवन में उन्हें प्रतिबंध और भावनात्मक संघर्ष झेलने पद रहे थे। जब उन्हें लगा कि इस तरह के दबाव को और बर्दाश्त नहीं किया जा सकता, तो गुप्ता ने भागने का फैसला किया। उन्होंने खुलासा किया कि बेंगलुरु छोड़ने के बाद, उन्होंने तिरुपति, भुवनेश्वर, दिल्ली और अंततः नोएडा जैसे कई शहरों की यात्रा की, ताकि अपने पुराने जीवन से दूर हो सकें।
अपनी पहचान छिपाने के लिए, गुप्ता ने अपना सिर के बाल हटवा दिए। उनकी पत्नी की सोशल मीडिया मुहिम ने उनका छिपना मुश्किल बना दिया था, क्योंकि उनकी तस्वीरें और वीडियो ऑनलाइन चारो तरफ फैल गए थे।
स्वतंत्रता की पुकार या अतिशयोक्ति?
Bengaluru Techie Vipin Gupta का मामला आधुनिक घरेलू जीवन के दबावों के बारे में है खासकर व्यक्तिगत स्वतंत्रता के बारे में। गुप्ता द्वारा इस तरह का चरम कदम उठाना उनके भावनात्मक तनाव को दर्शाता है। दूसरी तरफ गुप्ता के गायब होने के बाद जहां उनकी पत्नी उनकी सुरक्षा के लिए चिंतित थी, वहीं गुप्ता अपने जीवन से भागने की कोशिश कर रहे थे।
यह मामला यह भी दर्शाता है कि रिश्तों में किस तरह की जटिलताएं होती हैं और वे चुनौतियां जिनका सामना लोग घरेलू तनावपूर्ण परिस्थितियों में करते हैं। गुप्ता का सब कुछ छोड़ कर दस दिनों से अधिक समय तक देश भर में घूमते रहना उनके असंतोष की गहराई का परिचायक है। और जब पुलिस के ढूंड लेने पर उनकी वापस लौटने की अनिच्छा बताती है कि अपने घरेलु जीवन से वह कितने परेशान थे।
अब जबकि गुमशुदगी की शिकायत को बंद कर दिया गया है, उनके बयान से सामने आए खुलासे से पता चलता है कि उनके जीवन में काफी गहरे मुद्दे हैं जिन्हें सुलझाने की जरूरत है। उनका यह मामला एक रिश्ते में खुले संवाद और आपसी समझ की कमी के बारे में बताता है। यह उस अप्रसन्नता को भी सामने लाता है जो अक्सर तब तक दबी रहती है जब तक कि वह चरम सीमा पर न पहुंच जाए।
फिलहाल, Bengaluru Techie Vipin Gupta बेंगलुरु लौट आए हैं, लेकिन जिस भावनात्मक यात्रा को उन्होंने तय किया है, उसका समाधान शायद लंबा समय लेगा।
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