J&K Terrorist Attack: जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में गुरुवार को सेना के काफिले पर J&K Terrorist Attack हुआ, जिसमें दो जवान शहीद हो गए और दो स्थानीय पोर्टर्स की जान चली गई। यह J&K Terrorist Attack बारामूला जिले के बोटापथरी इलाके में हुआ, जहां आतंकवादियों ने एक सेना के वाहन पर घात लगाकर हमला किया। इस हमले में पांच जवान घायल हो गए हैं। अधिकारियों के अनुसार, सेना के जवान नियंत्रण रेखा की ओर जा रहे थे, तभी आतंकियों ने अचानक गाड़ी पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी।
J&K Terrorist Attack में गयी दो जवानो की जान:
गुलमर्ग के बोटापथरी वन क्षेत्र में नागिन पोस्ट के पास हुए इस J&K Terrorist Attack में दो जवानों के साथ-साथ सेना के दो पोर्टर्स की भी जान चली गई। घटना के बाद सेना ने पूरे इलाके को घेरकर सर्च ऑपरेशन शुरू किया है। एक अन्य घटना में, पुलवामा जिले के बटगुंड त्राल में भी आतंकियों ने एक मजदूर पर हमला किया, जिसमें उत्तर प्रदेश के निवासी प्रीतम सिंह को गोली मारकर घायल कर दिया गया। पिछले एक हफ्ते में गैर-स्थानीय मजदूरों पर यह तीसरा हमला था। इन हमलों के बाद कई राजनीतिक नेताओं ने प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।

तीन दिन पहले भी हुआ था एक और J&K Terrorist Attack
तीन दिन पहले एक अन्य हमले में आतंकवादियों ने एक सुरंग निर्माण मजदूरों के आवास पर हमला किया था, जिसमें छह मजदूर और एक डॉक्टर की मौत हो गई थी। इस घटना ने पूरे देश में आक्रोश फैला दिया। मारे गए डॉक्टर की पहचान कश्मीर के बडगाम के डॉ. शाहनवाज के रूप में हुई, जबकि अन्य मृतकों में पंजाब और बिहार के मजदूर शामिल थे।
गुलमर्ग हमले में घायल जवानों और पोर्टर्स को अस्पताल ले जाया गया है और उनके इलाज की व्यवस्था की गई है। इस हमले में शहीद हुए दो जवानों की पहचान राइफलमैन कैसर निवासी बांदीपोरा और राइफलमैन जीवन निवासी जम्मू के रूप में की गई है, जो दोनों JAKLI यूनिट से जुड़े थे। मारे गए पोर्टर्स में नौशेरा के मुश्ताक अहमद चौधरी और बोनियार के मंजूर अहमद मीर शामिल हैं।
गुलमर्ग में सेना का हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल भी स्थित है, जो विषम परिस्थितियों में लड़ाई की ट्रेनिंग देता है। इसके आसपास आतंकियों की बढ़ती गतिविधियां सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती बनती जा रही हैं। घटना के बाद जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रतिक्रिया दी है, उन्होंने कहा कि सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से इस हमले के संबंध में बात की गई है और आतंकियों के खात्मे के लिए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
इससे पहले, गांदरबल में सुरंग निर्माण परियोजना में काम कर रहे प्रवासी मजदूरों पर भी आतंकियों ने हमला किया था, जिसमें एक डॉक्टर और छह मजदूरों की हत्या कर दी गई थी। यह हाल के वर्षों का सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है, जिससे प्रवासी मजदूरों में खौफ का माहौल है। कश्मीर के अलग-अलग जिलों में बड़ी परियोजनाओं में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर काम करते हैं, जो कि कई राज्यों से आते हैं। 2021 में भी कश्मीर में इसी तरह मजदूरों पर हमले हुए थे, जिसमें बिहार और उत्तर प्रदेश के चार मजदूरों की हत्या कर दी गई थी। अब फिर से आतंकी घाटी में खौफ का माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
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