जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव: पहले चरण की विस्तृत रिपोर्ट

जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव: पहले चरण की विस्तृत रिपोर्ट

18 सितंबर 2024 को जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग शुरू हुई। यह चुनाव अनुच्छेद 370 के हटने के बाद का पहला विधानसभा चुनाव है, जो कि 2019 में हटाया गया था। इस चुनाव का आयोजन जम्मू और कश्मीर को एक केंद्र शासित प्रदेश के रूप में पुनर्गठित करने के बाद हो रहा है, और यह पिछले 10 वर्षों में क्षेत्र में आयोजित होने वाला पहला विधानसभा चुनाव है।

वोटिंग का हाल

वोटर टर्नआउट:
शाम 5 बजे तक कुल 58.19% वोटिंग हुई। यह एक अच्छी भागीदारी मानी जा रही है, खासकर ऐसे समय में जब क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर चिंताएँ बनी हुई हैं। मतदान का सबसे अच्छा प्रदर्शन इंदरवाल क्षेत्र में 72.20% रहा, जबकि त्राल क्षेत्र में सबसे कम 32.87% वोटिंग हुई।

प्रमुख उम्मीदवार

कश्मीर के उम्मीदवार

  • CPI (M) के मोहम्मद यूसुफ तारिगामी, जो कूलगाम से चुनाव लड़ रहे हैं, पिछले कई चुनावों से इस सीट पर अपनी पकड़ बनाए हुए हैं। यह उनकी लगातार पांचवीं बार चुनाव लड़ने की कोशिश है।
  • पीडीपी की इल्तिजा मुफ्ती, जो अपने परिवार की पारंपरिक सीट श्रीगुफवारा-बिजबेहारा से उम्मीदवार हैं, उन्होंने कहा कि लोगों की समस्याओं को विधानसभा में उठाया जाएगा।
  • नेशनल कांफ्रेंस की साकिना इटू और पीडीपी के सर्ताज मदनी, जो अपनी-अपनी पार्टियों के लिए महत्वपूर्ण उम्मीदवार माने जा रहे हैं।

जम्मू के उम्मीदवार

  • NC के पूर्व मंत्री सज्जाद किचलू और खालिद नजीब सुहरवर्दी भी चुनावी मैदान में हैं। इन नेताओं का स्थानीय राजनीति में बड़ा प्रभाव है।
  • कांग्रेस के विकार रसूल वानी और बीजेपी के सुनील शर्मा भी चुनावी मुकाबले में हैं। इन सभी उम्मीदवारों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखी जा रही है।

चुनावी माहौल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मतदान के दिन लोगों से बड़ी संख्या में वोट डालने की अपील की। उन्होंने विशेष रूप से युवाओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया। उनकी अपील से चुनाव में भागीदारी को बढ़ावा मिला है।

महबूबा मुफ्ती, पीडीपी की प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री, ने चुनाव से पहले कहा कि उनकी पार्टी दक्षिण कश्मीर में सबसे बड़ी पार्टी बनेगी। उन्होंने क्षेत्र में स्थिरता और विकास की आवश्यकता पर जोर दिया।

सुरक्षा व्यवस्था

मतदान के दौरान सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखी गई थी। जम्मू और कश्मीर में पिछले कुछ महीनों में आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि के कारण सुरक्षा बलों ने चुनावी स्थलों पर कड़े इंतजाम किए थे। कुल 14,000 मतदान कर्मियों ने 3,276 मतदान स्थलों पर अपनी ड्यूटी निभाई। इसके अलावा, सुरक्षा बलों ने भी अपनी मौजूदगी बढ़ाई थी ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।

प्रमुख मुद्दे

इस चुनाव में कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए जा रहे हैं:

1. राज्य का दर्जा:

चुनाव में राज्य का दर्जा वापस पाने का मुद्दा महत्वपूर्ण है। सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने इस मुद्दे को उठाया है, जिसमें बीजेपी, कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस शामिल हैं।

2. भ्रष्टाचार:

इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि पिछले 10 सालों में चुनाव न होने से लोगों में निराशा बढ़ी है, जिससे भ्रष्टाचार और लालफीताशाही में वृद्धि हुई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी पार्टी इन मुद्दों को विधानसभा में उठाएगी।

3. सुरक्षा:

जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा स्थिति को लेकर चिंताएं बनी हुई हैं। आतंकवादी घटनाओं में हालिया वृद्धि ने लोगों को चिंता में डाल दिया है। इस मुद्दे पर भी सभी पार्टियाँ अपनी राय रख रही हैं।

जम्मू और कश्मीर में विधानसभा चुनाव का पहला चरण नई राजनीतिक गतिविधियों को जन्म दे रहा है। यह चुनाव न केवल जम्मू और कश्मीर के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण है। चुनाव के परिणामों का इंतजार है, जो 8 अक्टूबर 2024 को घोषित किए जाएंगे। यह चुनाव यह तय करेगा कि जम्मू और कश्मीर की राजनीति किस दिशा में जाएगी और क्या क्षेत्र में स्थिरता और विकास की नई संभावनाएँ खुलेंगी।

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