Kailash Gehlot Resignation: दिल्ली मंत्री काईलाश गहलोत का आम आदमी पार्टी (AAP) से इस्तीफा बीजेपी के लिए एक अवसर बन गया है, और इसने दिल्ली में सत्ता की दावेदारी में खलबली मचा दी है।
Kailash Gehlot Resignation दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के करीब आते हुए आप के भीतर बढ़ती असंतोष और अस्थिरता की ओर इशारा करता है। उनकी विदाई ने इस बात को और भी स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी में नेतृत्व और सिद्धांतों को लेकर विवाद बढ़ चुका है, खासकर अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व के बाद।
बीजेपी का प्रतिक्रिया: ‘अरविंद आदमी पार्टी’ और ‘खास आदमी पार्टी’
बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने आप पर तीखा हमला करते हुए इसे “अरविंद आदमी पार्टी” या “खास आदमी पार्टी” करार दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी ने “राजनीतिक रूपांतरण” किया है और अब वह पहले वाले मूल्यों से बहुत दूर जा चुकी है।
पूनावाला ने कहा कि Kailash Gehlot Resignation से यह साफ होता है कि आप अब केवल केजरीवाल के हितों के लिए काम कर रही है और इसने वह सारा वादा भूल दिया, जो वह पहले आम लोगों के लिए करता था।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केजरीवाल और उनकी करीबी मंडली की निजी स्वार्थों के चलते पार्टी के अंदर बदलाव आ रहा है, जो अब पार्टी को केवल “केजरीवाल आदमी पार्टी” बना चुका है।
Kailash Gehlot Resignation: बढ़ती निराशा का परिणाम
कैलाश गहलोत, जो दिल्ली के नजफगढ़ से विधायक और दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री थे, ने 17 नवंबर 2024 को आप और दिल्ली सरकार से इस्तीफा दे दिया। उनका यह फैसला लंबे समय से पार्टी के भीतर गहरी निराशा के बाद आया, विशेष रूप से दिल्ली शराब नीति मामले में मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद।
सिसोदिया, जो उस समय दिल्ली के उपमुख्यमंत्री थे, पर मार्च 2023 में गिरफ्तार होने के बाद उनके द्वारा संभाले गए 18 मंत्रालयों का पुनर्वितरण किया गया। गहलोत इस बदलाव से असंतुष्ट थे, खासकर जब उन्हें विधायिका और कानून मंत्रालय से हटा दिया गया और यह जिम्मेदारी अटिशी को दी गई।
यह पूरी स्थिति गहलोत के लिए निराशाजनक थी, और उनका मानना था कि पार्टी के नेतृत्व ने उनका विश्वास खो दिया है। गहलोत ने इस्तीफा देने के बाद इसे पार्टी की घटती विश्वसनीयता और केजरीवाल के निवास की मरम्मत को लेकर बीजेपी के आरोपों को सही ठहराया।
राजनीतिक परिणाम: क्या गहलोत बीजेपी में शामिल होंगे?
Kailash Gehlot Resignation के बाद इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि वह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं और आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों में नजफगढ़ सीट से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं।
दिल्ली बीजेपी प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने गहलोत के इस्तीफे को “बहादुरी कदम” बताते हुए कहा कि Kailash Gehlot Resignation बीजेपी द्वारा उठाए गए मुद्दों की पुष्टि करता है, और यह साबित करता है कि खुद आप के नेता भी केजरीवाल को ईमानदार राजनेता नहीं मानते।
AAP ने Kailash Gehlot Resignation को बीजेपी की गंदी राजनीति का हिस्सा बताया। पार्टी के राजसभा सदस्य संजय सिंह ने गहलोत पर आरोप लगाया कि वह बीजेपी के दबाव में आकर काम कर रहे हैं और उनके इस्तीफे को बीजेपी की योजना के तहत लिया गया कदम करार दिया।
पार्टी में दरारें: गहलोत की विदाई और आप का भविष्य
Kailash Gehlot Resignation यह दर्शाता है कि आप में गंभीर आंतरिक विवाद हैं, जिनमें नेतृत्व के प्रति निराशा और पार्टी की मूलभूत आदर्शों से विमुखता प्रमुख है। आप, जो पहले भ्रष्टाचार मुक्त शासन और आम आदमी के पक्ष में खड़ी थी, अब अपने ही नेताओं द्वारा सवालों के घेरे में है।
आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों में आप के लिए यह एक गंभीर चुनौती हो सकती है, क्योंकि पार्टी को अपनी आंतरिक दरारों को सुधारने और जनता के बीच फिर से विश्वास बनाना होगा।
बीजेपी के लिए, Kailash Gehlot Resignation एक अवसर है, जिससे वह दिल्ली चुनावों में अपने पक्ष में माहौल बना सकते हैं। गहलोत की विदाई के साथ, दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य में बड़े बदलाव की संभावना जताई जा रही है, जो आगामी महीनों में और भी स्पष्ट हो सकता है।
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