Delhi AQI: दिल्ली में सोमवार सुबह सीज़न का सबसे खराब वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) दर्ज किया गया, जो “गंभीर प्लस” श्रेणी में पहुंच गया। Delhi AQI का स्तर 481 पर था, और दृश्यता घटकर केवल 150 मीटर रह गई, जिससे हवाई और रेल सेवाएं प्रभावित हुईं।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में घने धुएं की चादर छाई रही, जिसके बाद दिल्ली सरकार ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तहत चौथे चरण के आपातकालीन उपाय लागू कर दिए।
GRAP-4 के तहत आपातकालीन कदम
वायु प्रदूषण पर काबू पाने के लिए GRAP-4 के तहत 8-सूत्रीय एक्शन प्लान लागू किया गया है। इसमें शामिल हैं:
- ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध:
गैर-आवश्यक सामान लेकर आने वाले डीज़ल ट्रकों का दिल्ली में प्रवेश पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया गया है। केवल आवश्यक वस्तुओं को लेकर आने वाले या स्वच्छ ईंधन (CNG, LNG, BS-VI डीज़ल, या इलेक्ट्रिक) पर चलने वाले ट्रकों को अनुमति दी जाएगी। - हल्के वाणिज्यिक वाहनों पर रोक:
दिल्ली के बाहर पंजीकृत हल्के वाणिज्यिक वाहन (LCV) राजधानी में प्रवेश नहीं कर सकेंगे, जब तक कि वे CNG, इलेक्ट्रिक या BS-VI डीज़ल पर न चल रहे हों। आवश्यक सेवाओं में लगे वाहनों को छूट दी गई है। - डीज़ल वाहनों पर प्रतिबंध:
दिल्ली पंजीकृत BS-IV और पुराने डीज़ल इंजन वाले मध्यम और भारी माल वाहनों (MGV और HGV) का संचालन बंद कर दिया गया है। केवल आवश्यक सेवाओं वाले वाहनों को छूट है। - निर्माण कार्यों पर रोक:
सभी निर्माण और ध्वस्तीकरण (C&D) गतिविधियों, जिसमें सड़क, फ्लाईओवर, और पावर लाइनों जैसी सार्वजनिक परियोजनाएं शामिल हैं, को निलंबित कर दिया गया है। - स्कूल और कार्यालय:
कक्षा 10 और 12 को छोड़कर सभी शारीरिक कक्षाएं निलंबित कर दी गई हैं। सार्वजनिक और निजी कार्यालयों में केवल 50% कर्मचारी ही काम करेंगे, शेष घर से काम करेंगे। केंद्र सरकार भी अपने कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम पर विचार कर रही है। - अन्य संभावित कदम:
यदि हालात और बिगड़ते हैं, तो कॉलेजों को बंद करना, वाहनों के लिए ऑड-ईवन नियम लागू करना, और गैर-जरूरी व्यवसायों को सीमित करना जैसे कदम उठाए जा सकते हैं।
Delhi AQI संकट
AQI पैमाना वायु गुणवत्ता को निम्नलिखित श्रेणियों में विभाजित करता है:
- 0-50: अच्छा
- 51-100: संतोषजनक
- 101-200: मध्यम
- 201-300: खराब
- 301-400: बहुत खराब
- 401-450: गंभीर
- 450 से ऊपर: गंभीर प्लस
Delhi AQIका स्तर 500 से भी अधिक दर्ज किया गया, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन या हृदय संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों को घर के अंदर रहने की सलाह दी है।
Delhi AQI के प्रमुख कारण
हर सर्दियों में Delhi AQI बढ़ता है, जब ठंडी हवा धूल, उत्सर्जन और पराली जलाने से उत्पन्न धुएं को फंसा लेती है। इस साल, पराली जलाने से दिल्ली के प्रदूषण में 38% योगदान हुआ है, जो मुख्य रूप से पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा से आया है। अन्य कारणों में वाहन उत्सर्जन, औद्योगिक गतिविधियां, और प्रतिकूल मौसम की स्थिति शामिल हैं।
जनता की प्रतिक्रिया और ऑनलाइन चर्चा
GRAP-4 के लागू होने के बाद से सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर इसे लेकर व्यापक चर्चा हो रही है। “GRAP-4” गूगल पर ट्रेंड कर रहा है, और इससे जुड़ी खोजों में 500% की बढ़ोतरी हुई है।
Delhi AQI का जनजीवन पर असर
Delhi AQI ने NCR में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित किया है:
- स्वास्थ्य समस्याएं: लंबे समय तक जहरीली हवा में रहने से सांस लेने में परेशानी, आंखों में जलन और गले में खराश की शिकायतें बढ़ रही हैं।
- यातायात में रुकावट: कम दृश्यता के कारण हवाई और रेल सेवाओं में देरी हो रही है।
- शिक्षा: ऑनलाइन कक्षाओं में बदलाव ने छात्रों और अभिभावकों के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं।
- आर्थिक प्रभाव: निर्माण गतिविधियों के निलंबन और कार्यालयों की सीमित क्षमता से उत्पादकता पर असर पड़ा है।
भविष्य की राह
भारतीय मौसम विभाग ने शनिवार तक धुंध और धीमी हवाओं की संभावना जताई है। विशेषज्ञों का कहना है कि अस्थायी उपायों के साथ-साथ दीर्घकालिक रणनीतियां अपनाने की जरूरत है।
स्थायी समाधान:
- स्वच्छ ऊर्जा का बढ़ावा देना।
- पराली जलाने के विकल्प किसानों को उपलब्ध कराना।
- सार्वजनिक परिवहन को मजबूत करना।
- नागरिकों को प्रदूषण कम करने के उपायों के प्रति जागरूक बनाना।
Delhi AQI संकट चेतावनी है कि पर्यावरण और स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। GRAP-4 के तहत लागू कड़े उपाय केवल अस्थायी राहत प्रदान कर सकते हैं। स्थायी समाधान ही इस संकट से बाहर निकलने का सही रास्ता है।
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