कर्नाटक सरकार पर राजनीतिक आंच: कांग्रेस पर सार्वजनिक धन के दुरुपयोग का आरोप

Political Heat on Karnataka Gov

Political Heat on Karnataka Gov.: कर्नाटक की कांग्रेस सरकार को हाल ही में आलोचना का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सरकार अपनी पांच गारंटी योजनाओं के क्रियान्वयन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को शामिल करके उन्हें भुगतान कर रही है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि इस कदम का उद्देश्य करदाताओं के पैसे से पार्टी कार्यकर्ताओं को लाभ पहुंचाना है।

Political Heat on Karnataka Gov: पृष्ठभूमि और विवाद की शुरुआत

Political Heat on Karnataka Gov.: यह विवाद तब शुरू हुआ जब विधानसभा को सूचित किया गया कि गारंटी योजनाओं की निगरानी के लिए गठित पैनलों के सदस्यों को वेतन और बैठने का शुल्क दिया जाएगा। यह खुलासा होते ही विपक्ष ने कांग्रेस पर सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया।

राज्य सरकार ने 38 पैनल गठित किए हैं, जिनमें:

  • एक अध्यक्ष,
  • पांच उपाध्यक्ष,
  • 31 सदस्य,
  • एक सदस्य-सचिव शामिल है।

इन पैनलों के अध्यक्षों को कैबिनेट रैंक दी जाएगी और उपाध्यक्षों को जूनियर मंत्री का दर्जा दिया जाएगा।

Political Heat on Karnataka Gov: वेतन और अन्य भुगतान

Political Heat on Karnataka Gov: राज्य, जिला और तालुक स्तर पर पैनलों के कार्यालय स्थापित किए गए हैं। इन कार्यालयों के तहत:

  • जिला पैनल के अध्यक्ष को 40,000 रुपये मासिक वेतन,
  • जिला उपाध्यक्ष को 10,000 रुपये मासिक,
  • तालुक अध्यक्षों को 25,000 रुपये मासिक वेतन,
  • बीबीएमपी अध्यक्ष को भी 40,000 रुपये मासिक वेतन मिलेगा।

इसके अलावा:

  • जिला और बीबीएमपी स्तर के सदस्यों को प्रति बैठक 1,200 रुपये,
  • तालुक स्तर के सदस्यों को प्रति बैठक 1,100 रुपये का भुगतान किया जाएगा।

Political Heat on Karnataka Gov: विपक्ष की प्रतिक्रिया

Political Heat on Karnataka Gov.: भाजपा और जनता दल (सेक्युलर) दोनों ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया है। भाजपा नेता और विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा, “क्या हम – 224 विधायक और नौकरशाही – इन योजनाओं को लागू करने में सक्षम नहीं हैं? राज्य के खजाने का पैसा आपके (कांग्रेस) कार्यकर्ताओं की मौज-मस्ती पर क्यों खर्च किया जा रहा है?”

भाजपा ने इस फैसले को कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए “पुनर्वास मंच” करार देते हुए सरकार की मंशा पर सवाल उठाए।

Political Heat on Karnataka Gov: कांग्रेस का बचाव

Political Heat on Karnataka Gov.: विपक्ष की आलोचना के जवाब में उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को यह जिम्मेदारी सौंपने का कारण उनकी पार्टी को सत्ता में वापस लाने में निभाई गई भूमिका है। शिवकुमार ने कहा, “कांग्रेस कार्यकर्ता ही पार्टी को सत्ता में वापस लाने के लिए जिम्मेदार हैं और हम इन नियुक्तियों के साथ उन्हें सम्मानित करना चाहते हैं।”

Political Heat on Karnataka Gov: समाधान का प्रस्ताव

Political Heat on Karnataka Gov.: तनाव कम करने के लिए उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने सुझाव दिया कि विपक्ष की मांगों को कैबिनेट में रखा जाएगा और स्थानीय विधायकों को पैनल के प्रमुख के रूप में नियुक्त करने का प्रस्ताव रखा, जबकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सदस्य के रूप में बनाए रखा जाएगा।

हालांकि, इस प्रस्ताव ने विपक्ष के गुस्से को कम नहीं किया, और सदन में विरोध प्रदर्शन जारी रहा।

Political Heat on Karnataka Gov: कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के इस कदम ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। विपक्ष ने इसे सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला बताया है, जबकि कांग्रेस इसे पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए सम्मानजनक जिम्मेदारी मान रही है। स्थिति का भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि सरकार अपने फैसले को लेकर क्या रुख अपनाती है और विपक्ष इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाता है।

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