NITI Aayog: क्या भारत से 2047 तक गरीबी हो जाएगी ख़त्म,?

NITI Aayog

NITI Aayog: नीति आयोग की नौवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित की गयी। इस बैठक का मुख्य फोकस 2047 तक भारत में शुन्य गरीबी करकर देश को एक विकसित राष्ट्र बनाने की रणनीति पर था जिसमे प्रधानमंत्री ने गांवों से शुरू करके गरीबी को पूरी तरह समाप्त करने की बात कही। हालांकि, इस बैठक को लेकर सियासी विवाद भी छिड़ गया है, जिसमें कई विपक्षी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बैठक का बहिष्कार किया है।

NITI Aayog क्या है?

NITI Aayog जिसे नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (NITI Aayog) के नाम से जाना जाता है, भारत सरकार का प्रमुख नीति थिंक टैंक है। इसका गठन 1 जनवरी 2015 को किया गया था, और यह 1950 में स्थापित योजना आयोग की जगह पर आया। नीति आयोग का उद्देश्य केंद्र और राज्यों के बीच सहयोग और सामंजस्य बढ़ाना है, साथ ही दीर्घकालिक नीतियों और कार्यक्रमों की रणनीति तैयार करना है।

NITI Aayog के उद्देश्य

NITI Aayog के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

  • सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना और सभी राज्यों को एक साझा मंच प्रदान करना।
  • समाज के उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना जो आर्थिक विकास से वंचित रह गए हैं।
  • राष्ट्रीय विकास को प्राथमिकता देना और ग्राम स्तर पर प्रगतिशील योजनाएं विकसित करना।
  • अंतर-क्षेत्रीय और अंतर-विभागीय मुद्दों के समाधान के लिए एक साझा मंच प्रदान करना।
  • केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह प्रदान करना और प्रमुख हितधारकों के साथ साझेदारी को प्रोत्साहित करना।

NITI Aayog की संरचना

NITI Aayog की संरचना में निम्नलिखित शामिल हैं:

  • भारत के प्रधान मंत्री इसके अध्यक्ष होते हैं।
  • गवर्निंग काउंसिल में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल शामिल होते हैं।
  • क्षेत्रीय परिषदें, जिनमें राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रमुख शामिल होते हैं।
  • विशेषज्ञ और विशेषज्ञ, जिनके पास प्रासंगिक डोमेन ज्ञान होता है।
  • एक पूर्णकालिक संगठनात्मक ढांचा, जिसमें उपाध्यक्ष, पूर्णकालिक और अंशकालिक सदस्य शामिल होते हैं।

2024 की बैठक पर विशेष ध्यान

NITI Aayog की इस बैठक में 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। बैठक में निम्नलिखित बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा:

  • पानी, बिजली और जमीन जैसे मूलभूत संसाधनों का प्रबंधन।
  • शिक्षा की गुणवत्ता और उपलब्धता।
  • प्रॉपर्टी का डिजिटलीकरण और रजिस्ट्रेशन।
  • साइबर सुरक्षा और सरकारी कार्यालयों में AI का प्रयोग।
  • योजना और रोजगार के अवसरों का सही तरीके से कार्यान्वयन।
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NITI Aayog की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने क्या कहा?

प्रधानमंत्री ने भारत की आर्थिक प्रगति पर जोर देते हुए कहा, “2014 में दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से, भारत 2024 में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। हमारा लक्ष्य विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना है।”

NITI Aayog: विकसित भारत का सपना

प्रधानमंत्री ने राज्य और जिला स्तर पर दूरदर्शी योजना की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “विकसित भारत का सपना विकसित राज्यों के माध्यम से ही साकार हो सकता है।

हर राज्य और जिले को 2047 के लिए स्पष्ट दृष्टि रखनी चाहिए ताकि विकास सभी क्षेत्रों में पहुँचे। प्रधानमंत्री ने आकांक्षी जिलों के कार्यक्रम की सराहना की, जिसने निरंतर निगरानी के माध्यम से स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित किया है। उन्होंने कौशल विकास के महत्व पर भी जोर दिया, यह कहते हुए कि भारत को उसके कुशल कार्यबल के लिए सराहा जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यों को निवेश-अनुकूल माहौल बनाने की सलाह दी और नीति आयोग को ‘निवेश-अनुकूल चार्टर’ बनाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि निवेश आकर्षित करने के लिए अच्छा शासन, कानून और व्यवस्था, और बुनियादी ढांचे महत्वपूर्ण हैं।

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प्रधानमंत्री ने जल संसाधन प्रबंधन के लिए राज्यों को ‘नदी ग्रिड’ स्थापित करने का सुझाव दिया और भविष्य की जनसंख्या चुनौतियों से निपटने के लिए जनसांख्यिकीय प्रबंधन योजनाएँ बनाने की सिफारिश की। बैठक के समापन पर प्रधानमंत्री मोदी ने नीति आयोग को राज्यों के सुझावों की समीक्षा करने का निर्देश दिया और सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद करते हुए सहकारी संघवाद के माध्यम से विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने का विश्वास व्यक्त किया।

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NITI Aayog: विपक्षी गठबंधन का बहिष्कार

कई विपक्षी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस बैठक का बहिष्कार किया है। जिन राज्यों ने बैठक में भाग नहीं लेने का फैसला किया है, वे हैं तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, पंजाब, केरल, हिमाचल प्रदेश और अन्य। हालांकि, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले बैठक में भाग लिया फिर अचानक मीटिंग छोड़ कर चली गयी.

ममता बनर्जी का बहिष्कार

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि नीति आयोग की बैठक में उनका माइक म्यूट कर दिया गया और उन्हें केवल पाँच मिनट बोलने दिया गया, जबकि अन्य मुख्यमंत्रियों को 15-20 मिनट का समय मिला।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश की आलोचना

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस घटना को “अस्वीकार्य” बताया और नीति आयोग की बैठक को लोकतंत्र की असल भावना के खिलाफ करार दिया।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का जवाब

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ममता बनर्जी को पूरा बोलने का समय दिया गया था और किसी का माइक बंद नहीं किया गया था। उन्होंने कहा, “जयराम, आप तो वहां थे ही नहीं! हम सभी ने ममता जी को सुना। वह अपने पूरे समय बोलीं। स्क्रीन पर समय दिख रहा था। कुछ अन्य मुख्यमंत्रियों को अतिरिक्त समय भी दिया गया। ममता जी ने बाहर जाकर झूठ फैलाया है।”

बीजेपी का पलटवार

बीजेपी महासचिव बीएल संतोष ने ममता बनर्जी पर बैठक से पहले से ही मीडिया का ध्यान आकर्षित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “ममता जी का पहले बैठक में शामिल होना और फिर माइक बंद होने का दावा करके बाहर निकलना सिर्फ सुर्खियों में बने रहने का एक तरीका है।”

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