Indian Train Accident: पिछले 10 साल के अंदर में 9 बड़े ट्रैन दुर्घटनए हुयी है जिसमे लाखो लोग मारे गए, अगर हम एनसीआरबी (2022) रिपोर्ट के मुताबिक अकेले 2017 से 2021 के बीच रेल दुर्घटनाओं में लगभग 1,00,000 लोगों की मौत हो चुकी है
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Indian Train Accident: ट्रेन हादसों की भयावहता
भारतीय रेलवे, विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है, जो हर दिन लाखों यात्रियों को गंतव्य तक पहुँचाता है। इसके बावजूद, ट्रेन हादसे एक गंभीर समस्या बने हुए हैं। पिछले 10 साल के अंदर में 9 बड़े ट्रैन दुर्घटनए हुयी है जिसमे लाखो लोग मारे गए, अगर हम एनसीआरबी (2022) रिपोर्ट के मुताबिक अकेले 2017 से 2021 के बीच रेल दुर्घटनाओं में लगभग 1,00,000 लोगों की मौत हो चुकी है. हाल ही में हुए डिब्रूगढ़ ट्रैन हादसे ने एक बार फिर से इस मुद्दे को उजागर किया, जिसमें लगभग 2 लोगों की जान गई और 29 से अधिक लोग घायल हो गए। इस दुर्घटना का मुख्य कारण दोषपूर्ण ट्रेन का पटरी से उतरना बताय जा रहा है.
Indian Train Accident के प्रमुख कारण
भारतीय रेलवे के हादसों में से सबसे अधिक घटनाएं ट्रेन के पटरी से उतरने के कारण होती हैं। रेलवे की ईयर बुक के अनुसार, 2015-16 से 2021-22 के बीच 449 हादसों में से 322 पटरी से उतरने के कारण हुए थे। चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस का हादसा भी इसी श्रेणी में आता है। इस हादसे में ट्रेन के तीन डिब्बे पटरी से उतर गए थे, जिससे यह दुर्घटना घटी।

Indian Train Accident पर विपक्ष का आरोप
ट्रैन हादसों के पीछे विपक्ष हमेशा मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा करता है, विपक्ष का आरोप है की मोदी सरकार रेलवे में खाली पदों को नहीं भर रही जिसके कारन मानव उपस्थिति काम होने के कारन दिन पर दिन रेल हादसे बढ़ते जा रहे है. पांच साल से ज्यादा हो रहे है रेलवे में कोई बड़ी भर्ती नहीं हुयी है. विपक्ष का कहना है की रेलवे में बहुत सारे पद खाली है. और इसके वजह से लोको पायलट को ओवरटाइम काम करना पद रहा है जिसके वजह से ट्रैन दुर्घटनाये हो रही है
Train Accidents in Modi Government: मोदी सरकार में कितने ट्रैन दुर्घटनाएं हुए और क्यों ?
Indian Train Accident: ट्रेन के पटरी से उतरने के कारण
- मैकेनिकल फॉल्ट: रेलवे ट्रैक पर लगे उपकरण का खराब हो जाना एक प्रमुख कारण है।
- दरारें: पटरियों पर दरार पड़ना, जिससे ट्रेन का संतुलन बिगड़ जाता है।
- ढीले उपकरण: ट्रेन के डिब्बों को जोड़ने वाले उपकरण का ढीला होना।
- एक्सेल का टूटना: ट्रेन की बोगी को संभालने वाले एक्सेल का टूटना।
- पहियों का घिस जाना: लगातार चलने के कारण ट्रेन के पहियों का घिस जाना।
- मौसम का प्रभाव: गर्मियों में पटरियों के स्ट्रक्चर में बदलाव, तेज गति से चलती ट्रेन का अचानक मोड़ना या ब्रेक लगाना।
Indian Train Accident: सुरक्षा में सुधार के लिए उठाए गए कदम
- राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष (RRSK): इस कोष का उद्देश्य ट्रैक नवीनीकरण, सिग्नलिंग परियोजनाओं, पुल पुनर्वास जैसे महत्वपूर्ण सुरक्षा संबंधित कार्यों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
- तकनीकी उन्नति: कोचों और वैगनों के डिज़ाइन में सुधार, जैसे कि एलएचबी डिज़ाइन कोच, जो अधिक सुरक्षित होते हैं।
- जीपीएस आधारित फॉग पास डिवाइस: धुंध के दौरान लोको पायलटों को मार्गदर्शन करने में मदद करने के लिए।
- अल्ट्रासोनिक फ्लॉ डिटेक्शन (USFD): तकनीक जो पटरियों में दरारों, दोषों का निरीक्षण करने के लिए उच्च आवृत्ति ध्वनि तरंगों का उपयोग करती है।
Indian Train Accident: सुधार की दिशा में चुनौतियाँ
रेलवे को लंबे समय से वित्त पोषण की कमी से परेशानी हो रही है। भारतीय रेल प्रणाली पिछले वर्षों में काफी कम निवेश से पीड़ित रही है, और सुरक्षा में निवेश भी अपर्याप्त रहा है। हालाँकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने नई और सुरक्षित रेल गाड़ियों में काफी निवेश किया है। इसके बावजूद, वर्तमान प्रणाली अपनी उपयोगिता खो चुकी है और इसे पीढ़ीगत बदलाव की आवश्यकता है।

भारतीय रेलवे को दुर्घटनाओं से बचाने के लिए निरंतर सुधार और निवेश की आवश्यकता है। बुनियादी ढांचे का नियमित नवीनीकरण, कर्मचारियों को उन्नत प्रशिक्षण, और नई-नई तकनीकों का व्यापक उपयोग ही सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता है। भारतीय रेलवे की सुरक्षा और विश्वसनीयता को सुनिश्चित करना न केवल एक तकनीकी आवश्यकता है, बल्कि एक मानवीय जिम्मेदारी भी है।