आज है Guru Purnima जो हर साल जुलाई के महीने में बनाई जाती है Guru Purnima के दिन ही महर्षि वेदव्यास ने चारों वेद की रचना की थी।
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Guru Purnima जो भारतीय संस्कृति और परंपरा में एक महत्वपूर्ण त्योहार है,जिसे गुरु-शिष्य परंपरा के सम्मान और श्रद्धा के रूप में मनाया जाता है। बता दे भारतीय कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ मास यानि जुलाई के महीने में बनाया जाता है
क्यों बनाई जाती है Guru Purnima
इतिहास के उनुसाल गुरु पूर्णिमा को महाभारत के रचयिता वेद व्यास का जन्म दिवस माना जाता है. उनके सम्मान में इस दिन को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है. शास्त्रों में यह भी कहा जाता है कि गुरु पूर्णिमा के दिन ही महर्षि वेदव्यास ने चारों वेद की रचना की थी और इसी कारण से उनका नाम वेद व्यास पड़ा.इसलिए गुरु पूर्णिमा बनाई जाती है आपको बता दे की राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अपने अध्यात्मिक गुरु श्रीमद राजचंद्र को श्रद्धांजलि देने के लिए भी गुरु पूर्णिमा का दिन ही चुना था.

कबीर दास जी के दोहे से जानें Guru Purnima का महत्व
सब धरती कागज करूँ, लिखनी सब बनराय
सात समुद्र की मसि करूँ, गुरु गुण लिखा न जाय
गुरु गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागू पाय।
बलिहारी गुरु आपणै, गोविन्द दियो बताय।।
गुरु पारस को अन्तरो, जानत हैं सब सन्त।
वह लोहा कंचन करे, ये करि लये महन्त॥
कबीर दस जी के दोहे में भी गुरु के प्रति सम्मान को बताया गया है जिसमें कहा है की गुरु है तो कल है
नेपाल और भूटान में भी बनाई जाती है गुरु पूर्णिमा
बता दे Guru Purnima का त्योहार भारत ही नहीं बल्कि नेपाल और भूटान में भी मनाया जाता है. उनके सम्मान और उनकी पूजा के लिया लिए नेपाल में गुरु पूर्णिमा को शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाता है, जबकि हमरे यह चार वर्ष पांच सितंबर को मनाया जाता है.