End of gangster Aman Sahu: झारखंड पुलिस और आतंकवाद निरोधी दस्ता (ATS) द्वारा किए गए हालिया ऑपरेशन में कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू की मौत ने प्रदेश की आपराधिक गतिविधियों पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है। यह मुठभेड़ झारखंड के पलामू जिले में हुई, जब साहू के गिरोह के सदस्यों ने उसे पुलिस हिरासत से छुड़ाने का प्रयास किया।
घटना का विवरण
End of gangster Aman Sahu: 11 मार्च 2025 की सुबह, पुलिस अधीक्षक, पलामू को सूचना मिली कि गैंगस्टर अमन साहू को रायपुर जेल से ट्रांजिट रिमांड पर रांची ले जाया जा रहा है। इस दौरान उसे एनआईए कोर्ट रांची में पेश करने के बाद केंद्रीय जेल होटवार, रांची में स्थानांतरित किया जाना था।
रास्ते में चैनपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत अंधारी ढोढ़ा घाटी के जंगलों में साहू के गिरोह के सदस्यों ने घात लगाकर पुलिस पर हमला किया। हमलावरों ने पुलिस दल पर गोलियां चलाईं और बम फेंके ताकि साहू को छुड़ाया जा सके।
मुठभेड़ का घटनाक्रम
End of gangster Aman Sahu: हमले के दौरान अमन साहू ने अफरातफरी का फायदा उठाकर एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) के एक जवान से इंसास राइफल छीन ली और उस पर फायरिंग कर दी। पुलिस ने आत्मरक्षा में जवाबी फायरिंग की, जिसमें साहू मारा गया। इस मुठभेड़ में एक एटीएस जवान राकेश कुमार घायल हो गया।
अमन साहू का आपराधिक इतिहास
End of gangster Aman Sahu: अमन साहू झारखंड का एक कुख्यात अपराधी था, जो हत्या, अपहरण, रंगदारी और अन्य संगीन अपराधों में शामिल था। उसके खिलाफ 100 से अधिक मामले दर्ज थे। हाल के दिनों में उसके अपराधों ने झारखंड के विभिन्न क्षेत्रों में दहशत फैला रखी थी।
प्रमुख अपराध
- एनटीपीसी डिप्टी जनरल मैनेजर कुमार गौरव की हत्या: 8 मार्च को कुमार गौरव की हत्या में साहू का नाम सामने आया था। गौरव की हत्या ने राज्य में चिंता की लहर दौड़ा दी थी।
- कोयला व्यापारी विपिन मिश्रा पर हमला: 7 मार्च को विपिन मिश्रा पर जानलेवा हमला किया गया था, जिसमें भी साहू का हाथ था।
पुलिस की रणनीति और कार्यवाही
End of gangster Aman Sahu: इस ऑपरेशन में झारखंड पुलिस की ATS टीम ने पेशेवर ढंग से कार्य किया।
- समयबद्ध योजना: पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करते हुए साहू को रायपुर से रांची स्थानांतरित करने का निर्णय लिया था।
- सक्रिय निगरानी: पुलिस को पहले से ही आशंका थी कि साहू के गुर्गे उस पर हमला कर सकते हैं, जिसके चलते उन्होंने पूरी तैयारी कर रखी थी।
- तेज़ प्रतिक्रिया: हमले के दौरान पुलिस ने संयम और कुशलता का परिचय देते हुए जवाबी कार्रवाई की, जिससे स्थिति पर काबू पाया जा सका।
पुलिस अधिकारियों के बयान
End of gangster Aman Sahu: झारखंड पुलिस अधीक्षक रेशमा रमेशन ने बताया कि पुलिस दल ने बहादुरी और सूझबूझ का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि साहू को छुड़ाने के लिए उसके गुर्गों ने घातक हमले की योजना बनाई थी, लेकिन पुलिस की सक्रियता के कारण वे अपने इरादों में सफल नहीं हो सके।
सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव
End of gangster Aman Sahu: अमन साहू की मौत से झारखंड में आपराधिक गतिविधियों पर असर पड़ने की उम्मीद है। उसकी गैंग का नेटवर्क व्यापक था, जो कोयला खनन, जमीन कब्जे, और जबरन वसूली जैसी गतिविधियों में लिप्त था। उसकी मौत के बाद राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर राहत की भावना देखी जा रही है।
यह मुठभेड़ झारखंड पुलिस और एटीएस के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। अमन साहू का खात्मा राज्य में संगठित अपराध पर नकेल कसने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पुलिस ने इस ऑपरेशन में जिस तरह की तत्परता और दक्षता का प्रदर्शन किया, वह कानून-व्यवस्था को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।
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