Chhattisgarh 4000 cr. liquor scam: छत्तीसगढ़ के 4,000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले की जांच पिछले कुछ महीनों से चर्चा में बनी हुई है। यह घोटाला राज्य के अब तक के सबसे बड़े आर्थिक घोटालों में से एक माना जा रहा है। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) लगातार छापेमारी कर रही है और अब जांच की आंच राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तक पहुंच गई है।
Chhattisgarh 4000 cr. liquor scam: कैसे खुला घोटाले का मामला?
Chhattisgarh 4000 cr. liquor scam: यह पूरा मामला छत्तीसगढ़ में शराब की खरीद-फरोख्त से जुड़ा है। राज्य में शराब की बिक्री का संचालन सरकार खुद करती है और निजी दुकानों को अनुमति नहीं दी जाती। इसी व्यवस्था के तहत शराब बिक्री से सरकार को करोड़ों रुपये की आमदनी होती है। लेकिन, जांच में सामने आया कि कुछ डिस्टिलरी मालिकों, राजनेताओं और नौकरशाहों ने मिलकर एक संगठित भ्रष्टाचार तंत्र तैयार किया, जिसमें सरकारी खजाने को 4,000 करोड़ रुपये तक का नुकसान हुआ।
शुरुआत में, दो शराब कंपनियों ने 2018 में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर आरोप लगाया कि राज्य सरकार शराब की खरीद में पारदर्शिता नहीं बरत रही। याचिका में कहा गया कि शराब खरीद का पूरा सिस्टम मनमाना और अपारदर्शी था, जिसमें अधिकारियों को असीमित शक्ति दी गई थी। इस याचिका के बाद ही इस पूरे घोटाले की परतें खुलनी शुरू हुईं।
Chhattisgarh 4000 cr. liquor scam: ईडी की जांच और छापेमारी
Chhattisgarh 4000 cr. liquor scam: 2023 में ईडी ने इस मामले की गहराई से जांच शुरू की। शुरुआती जांच में पाया गया कि शराब कारोबार से जुड़े कई लोग सरकार के बड़े अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर रहे थे।
ईडी ने 2023 में विशेष आबकारी सचिव अरुण पति त्रिपाठी को गिरफ्तार किया, जिन पर आरोप है कि उन्होंने नियमों में बदलाव करके इस गड़बड़ी को बढ़ावा दिया। इसके बाद ईडी ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और रानू साहू से भी पूछताछ की।
Chhattisgarh 4000 cr. liquor scam: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर छापेमारी
Chhattisgarh 4000 cr. liquor scam: 2024 में ईडी ने इस घोटाले की जांच को और तेज कर दिया और कई बड़े राजनीतिक हस्तियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया।
हाल ही में, ईडी ने भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल के आवासों पर छापेमारी की। आरोप है कि चैतन्य इस घोटाले से निकली अवैध धनराशि के लाभार्थी रहे हैं। ईडी का दावा है कि इस घोटाले से करीब 2,161 करोड़ रुपये की अवैध कमाई विभिन्न धोखाधड़ी योजनाओं के जरिये निकाली गई।
Chhattisgarh 4000 cr. liquor scam: कांग्रेस और भूपेश बघेल का बचाव
Chhattisgarh 4000 cr. liquor scam: ईडी की इस कार्रवाई पर भूपेश बघेल और उनकी पार्टी कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। बघेल के कार्यालय ने बयान जारी कर इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया और कहा कि बीजेपी सरकार चुनावी फायदे के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
बघेल ने कहा, “ईडी हमारे खिलाफ साजिश कर रही है। यह मामला कोर्ट में पहले ही खारिज हो चुका था, लेकिन अब इसे फिर से उछाला जा रहा है। इसका उद्देश्य मुझे और कांग्रेस पार्टी को बदनाम करना है।”
Chhattisgarh 4000 cr. liquor scam: शराब सिंडिकेट का खेल
Chhattisgarh 4000 cr. liquor scam: छत्तीसगढ़ में सरकारी शराब दुकानों से ही शराब बेची जाती है। लेकिन जांच में पाया गया कि एक संगठित गिरोह ने बेहिसाब और बिना संसाधित शराब को खुले बाजार में बेचना शुरू कर दिया। इसमें राजनेताओं, व्यापारियों और सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत थी।
ईडी की जांच में सामने आया कि राज्य की 672 सरकारी शराब दुकानों में से कई दुकानों पर रोजाना नकद बिक्री होती थी, जो 28-32 करोड़ रुपये प्रतिदिन तक पहुंच जाती थी। लेकिन इस रकम का एक बड़ा हिस्सा सरकारी खजाने में जाने के बजाय घोटालेबाजों की जेब में जा रहा था।
Chhattisgarh 4000 cr. liquor scam: क्या होगा आगे?
Chhattisgarh 4000 cr. liquor scam: ईडी की छापेमारी के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। बीजेपी इस घोटाले को लेकर कांग्रेस पर हमलावर हो गई है और मांग कर रही है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। वहीं, कांग्रेस इसे एक राजनीतिक षड्यंत्र बता रही है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि ईडी की इस जांच से कौन-कौन से नए नाम सामने आते हैं और क्या पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके परिवार पर कोई कानूनी कार्रवाई होती है या नहीं।
छत्तीसगढ़ का यह घोटाला भारतीय राजनीति और प्रशासनिक तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार का एक और बड़ा उदाहरण बन चुका है, जिसका असर आने वाले समय में राज्य की राजनीति पर जरूर पड़ेगा
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