Vidhu Vinod Chopra: टैलेंट और हिम्मत का अद्भुत कॉम्बिनेशन

Vidhu Vinod Chopra

Vidhu Vinod Chopra: एक डायरेक्टर जिसने अपनी पहली स्टूडेंट डाक्यूमेंट्री फिल्म से नेशनल अवार्ड जीता और दूसरी डाक्यूमेंट्री फिल्म से एक ऑस्कर नॉमिनेशन भला किसी परिचय का मोहताज़ हो सकता है? इनके पिता इन्हे डॉक्टर बनाना चाहते थे लेकिन मेडिकल जगत का नुक्सान बॉलीवुड को फायदा दे गया।  इन्होने अपना प्रे-मेडिकल टेस्ट जान बूझ कर ख़राब किया और फेल हो गए लेकिन अपनी यूनिवर्सिटी टॉप की।  इकोनॉमिक्स होनोर्स फर्स्ट क्लास में पास किया और वे २५० रूपये जो उन्हें स्कालरशिप के मिले भारत सरकार की तरफ से उस से उन्होंने नेशनल फिल्म इंस्टिट्यूट में दाखिला लिया। 

Vidhu Vinod Chopra का प्रारम्भिक जीवन:

हम बात कर रहे हैं Vidhu Vinod Chopraकी। श्रीनगर में जन्मे विधु विनोद चोपड़ा का फिल्मो से कोई लेना देना नहीं था लेकिन बचपन से ही फिल्में बनाने की तमन्ना की थी। पेशावर से श्रीनगर आये उनके माता पिता को यह आईडिया पसंद नहीं था क्योंकि उनके पास न तो पैसे थे न ही इतने संसाधन की अपने बेटे को मुंबई भेज सके। दूसरे समाज का भी डर था। 

Vidhu Vinod Chopra ने एक बार कहा की थ्री इडियट्स में जब माधवन अपने पिता को कहते हैं की मुझे फर्क नहीं पड़ता की कपूर साहब क्या सोचेंगे, वह कपूर साहेब मेरे घर के सामने रहते थे। लेकिन फिर वही हुआ जो हर महान शख्सियत की ज़िन्दगी में होता आया है।  कुछ ऐसे कदम जो बोल्ड थे, रिस्की थे, लेकिन सब कुछ दांव पर लगा कर उठाये गए और फिर तोह जैसा कहते हैं रेस्ट इस हिस्ट्री। 

नेशनल फिल्म इंस्टिट्यूट में Vidhu Vinod Chopra:

डॉक्टर बनने से बचे और नेशनल स्कूल में आये लेकिन कुछ ज्यादा कमाल नहीं किया वहा।  खुद चोपड़ा के शब्दों में, नेशनल फिल्म स्कूल ने डिप्लोमा दिया क्योंकि डाक्यूमेंट्री फिल्म ऑस्कर में नॉमिनेटेड हो गयी थी और पहली फिल्म को नेशनल अवार्ड मिल गया था। 

इस नेशनल अवार्ड और ऑस्कर नॉमिनेशन से जुडी भी काफी इंटरेस्टिंग कहानियां हैं। शुरू के दिन थे और पैसे चोपड़ा के पास नहीं थे।  ऐसे में नेशनल अवार्ड जीता और पता चला की अवार्ड के साथ ४००० रूपये भी मिलेंगे। लेकिन अवार्ड के साथ मिला एक पोस्टल चेक वो भी ऐसा जिसको सात साल बाद ही भुनाया जा सकता था। 

चोपड़ा ने वहीँ राष्ट्रपति से पूछ लिया की ४,००० कॅश में मिलने का वादा था वो कहाँ हैं। जब राष्ट्रपति ने कहा की सात साल बाद ११-१२,००० मिल जाएंगे तोह चोपड़ा ने कहा की उन्हें जरुरत तो आज है।  फिर लाल कृष्णा आडवाणी जो उस समय इनफार्मेशन एंड ब्रॉडकास्ट मिनिस्टर थे उन्होंने चोपड़ा से वादा किया की कल उनके ऑफिस आ जाएँ वह उन्हें ४००० कॅश में दे देंगे। 

इसी तरह जब ऑस्कर नॉमिनेशन का पता चला तो चोपड़ा  के पास न पासपोर्ट था न पैसे। चोपड़ा फिर पहुँच गए अडवाणी के पास।  आडवाणी ने साड़ी बात सुनी तो खुश हुए और दो दिन में बिना पुलिस वेरिफीकशन के पासपोर्ट बनवा कर दिया जो छः महीने के लिए वैलिड थे साथ ही भारत सरकार की तरफ से २० डॉलर रोजाना का अलाउंस दिलाया।

Vidhu Vinod Chopra की फिल्में:

Vidhu Vinod Chopra ऑस्कर तो नहीं जीत सके लेकिन उनका कॉन्फिडेंस इतना बढ़ा की भारत के कुछ सबसे बेहतरीन फिल्मे उनके प्रोडक्शन से निकली हैं।  परिंदा, १९४२ ए लव स्टोरी, शिकारा, मिशन कश्मीर , मुन्ना भाई सीरीज और अभी हाल ही में रिलीज़ हुई फिल्म १२वी फेल। 

अपने करियर में चार नेशनल अवार्ड्स और १० फिल्म फारे अवार्ड्स जीतने वाले विधु विनोद चोपड़ा के बैनर से कुछ बेहद उत्कृष्ट अभिनय वाली फिल्में निकली हैं।  खामोश शबाना आज़मी , अमोल पालेकर, नसीरुद्दीन शाह, और पंकज कपूर अभिनीत कश्मीर की पृष्ठभूमि पर बानी थ्रिलर मूवी आज भी अपने जॉनर की बेहतरीन फिल्म मानी जाती है। 

परिंदा के सेट पर नाना पाटेकर से अनबन:

परिंदा नाना पटकलर के करियर का भी मील का पत्थर है और Vidhu Vinod Chopra के करीयर का भी।  खुद Vidhu Vinod Chopra ने बताया की इस फिल्म के सेट पर नाना पाटेकर से कई बार लड़ाई हुई।  हाथापाई हुई। 

एक बार चोपड़ा ने हाथापाई में पाटेकर का वह कुरता फाड़ दिया जिसे वह अगले सीन में पहनने वाले थे। नाना पाटेकर का फिल्म में वो सीन फिर बनियान में फिल्माया गया क्योंकि कुरता तो फट गया था।

Vidhu Vinod Chopra एक सख्त डायरेक्टर:

अपनी फिल्मो में विधु विनोद चोपड़ा ने बजट का काफी ख्याल रखा क्योंकि उन्होंने पैसे की कमी पास से देखी है। उनकी अधिकतर फिल्में काम और काफी टाइट बजट पर बानी हैं।  परिंदा के सेट पर तो सब घर से खाना लाते थे क्योंकि चोपड़ा क्रू को खाना खिलाना अफ़्फोर्ड नहीं कर सकते थे।

Vidhu Vinod Chopraविधु विनोद चोपड़ा एक काफी सख्त डायरेक्टर माने जाते हैं।  अपने सेट पर नाना पाटेकर को खाना न देने से ले कर एकलव्य के सेट पर अमिताभ बच्चन पर सख्ती करने तक उनकी शोहरत एक सख्त डायरेक्टर के रूप में है। 

अमिताभ बच्चन ने खुद एक इंटरव्यू में कहा की जाया बच्चन ने उन्हें एकलव्य फिल्म के समय विधु विनोद चोपड़ा के बारे में चेतावनी दी थी और कहा था की तुम उसे बर्दाश्त नहीं कर पाओगे।  शायद इसी लिए फिम पूरी होने पर विधु विनोद छपरा ने अमिताभ को चार करोड़ की रोल्स रॉयस भेट की क्योंकि अमिताभ ने चोपड़ा को झेला लेकिन फिल्म बीच में नहीं छोड़ी।

Vidhu Vinod Chopra का आत्मविश्वास: 

Vidhu Vinod Chopra की सबसे बड़ी खासियत है अपनी कहानियो में उनका विश्वास।  शिकारा, चोपड़ा की वह फिल्म जो खास नहीं चली , वह चोपड़ा की सबसे प्रिय फिल्म है।  उनका कहना है की वह ऐसा अच्छा सिनेमा बनाना चाहते हैं जो पैसा भी अच्छा कमाए। मुन्ना भाई फिल्म भले ही आज इंस्टीटूशन हो लेकिन इसकी ओपनिंग में सिनेमा खाली थे। 

तब भी चोपड़ा ने राजू हिरानी से कहा की ये एक अच्छी फिल्म है और हमे इसका दूसरा भाग भी बनाना चाहिए। इसी तरह जब खामोश फिल्म को डिस्ट्रीब्यूटर नहीं मिले तो उन्होंने मुंबई में रीगल सिनेमा को ५०% पर लिया और फिल्म खुद ही रिलीज़ कर दी। 

Vidhu Vinod Chopra के इसी आत्मविश्वास और हिम्मत के बल पर १९८५ में एस्टब्लिश हुए विधु विनोद फिल्म प्रोडक्शन आज बॉलीवुड का सबसे सक्सेसफुल प्रोडक्शन हाउस है।  विधु विनोद चोपड़ा का जीवन खुद की शर्तो पर ज़िन्दगी जीने का जीवन, हिम्मत के साथ फैसले लेने और उन फैसलों को सही कर दिखाने का जीवन है।  

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