Stree 2 Review: राजकुमार राव-श्रद्धा कपूर की हॉरर कॉमेडी मजेदार

Stree 2 Review

Stree 2 Review: 2018 मेंआई स्त्री ने बॉलीवुड कीहॉरर कॉमेडी को एक नयाजीवन दिया और एकऐसा सिनेमाई ब्रह्मांड स्थापित किया, जो अब तकदर्शकों के लिए मनोरंजनका स्रोत बना हुआ है।अमर कौशिक द्वारा निर्देशित स्त्री 2: सरकते का आतंक इस सिनेमाई ब्रह्मांडमें एक नया अध्यायजोड़ती है। इस फिल्मके लेखक निरेन भट्टऔर निर्देशक अमर कौशिक नेमिलकर एक ऐसा सीक्वलतैयार किया है, जोकहानी को आगे बढ़ाताहै और नई कहानीकी पृष्ठभूमि तैयार करता है।

Stree 2 review: कहानी कीगहराई

अगर पहली फिल्म स्त्री में एक पीड़ित महिला की कहानी थी, जो पुरुषों से बदला लेरही थी, तो स्त्री 2 की कहानी और भी नज़दीकसे जुड़ती है। इस बारविक्की (राजकुमार राव) और उसकेदोस्तों का सामना एकऐसे सिर-कटे आतंकसे होता है, जोचंदेरी की उन महिलाओंपर हमला कर रहाहै, जिन्होंने पारंपरिक पितृसत्तात्मक भूमिकाओं को तोड़ने कीहिम्मत की है। येभूमिकाएँ रसोई में खानाबनाना, सफाई करना औरअपने पुरुषों के साथ सोनेतक सीमित थीं।

Stree 2 review: विषय कीसमसामयिकता

इस फिल्म का विषय औरभी अधिक प्रासंगिक लगताहै, खासकर जब पूरे देशमें महिलाएँ आरजी कर मेडिकलकॉलेज और अस्पताल मेंहुई ‘बलात्कार और हत्या’ केखिलाफ सड़कों पर उतर रहीहैं। हालाँकि भारत में महिलाएँहर दिन असुरक्षित महसूसकरती हैं, चंदेरी मेंकम से कम खतरासिर्फ़ अलौकिक है।

Stree 2 review: पुरुष नायकपर निर्भरता

फिल्मकी एक मुख्य समस्यायह है कि एकमजबूत पितृसत्तात्मक संदेश देने के बावजूद, यह एक पुरुष नायकपर निर्भर करती है, जोमहिलाओं को इस खतरेसे बचाने के लिए आगेआता है। हालांकि, यहथोड़ा बेहतर लगता है कियह नायक विक्की है, जो प्यारा, मासूम और शानदार अभिनयके लिए जाना जाताहै। विक्की और उसके दोस्ततब इस संघर्ष मेंशामिल होते हैं जबबिट्टू (अपारशक्ति खुराना) की प्रेमिका काअपहरण हो जाता है।एक अजीब आदमी (अक्षयकुमार के कैमियो में) उन्हें सिर-कटे दानवके खतरे के बारेमें चेतावनी देता है।

Stree 2 review: श्रृद्धा कपूरकी भूमिका

फिल्ममें विक्की की प्रेमिका, पहलीफिल्म की जादूगरनी (श्रद्धाकपूर) एक बार फिरदिखाई देती है, जोइन साधारण पुरुषों के साथ मिलकरसरकता का सामना करतीहै। हालांकि, इस बार श्रद्धाका स्क्रीन टाइम काफी कमहै, लेकिन उनकी उपस्थिति रहस्यमयीऔर आकर्षक है।

Stree 2 review: वरुण धवनका कैमियो और टीम-अप

फिल्ममें वरुण धवन काकैमियो भी है, जहाँवह भेड़िया के रूप मेंफिल्म में प्रवेश करतेहैं और संघर्ष मेंशामिल होते हैं। हालांकि, यह क्रॉसओवर थोड़ा ज़बरदस्ती कालगता है और कहानीमें अनावश्यक दिखाई देता है।

Stree 2 review: डर औरहंसी का सही मिश्रण

फिल्ममें डर और हंसीका सही मिश्रण है, जो समय-समय परदर्शकों को बांधे रखताहै। पंकज त्रिपाठी केबेहतरीन वन-लाइनर्स औरबाकी कलाकारों की कॉमिक टाइमिंगऔर केमिस्ट्री फिल्म को ऊंचाई परले जाती है।

Stree 2 review: कमजोर पक्ष

हालांकि, फिल्म का वीएफएक्स पहलेकी तुलना में बहुत बेहतरहै, लेकिन क्लाइमैक्स में मार्वल स्टाइलका असर दिखाई देताहै। इसका मतलब यहहै कि क्लाइमैक्स मेंकई घटनाएं एक साथ होरही हैं, लेकिन यहहमेशा प्रभावी नहीं होती। इसकेअलावा, फिल्म के गाने भीखास नहीं हैं।

स्त्री 2 में कुछ खामियाँ जरूरहैं, लेकिन यह एक मजेदारऔर डरावना अनुभव प्रदान करती है। फिल्मके कमजोर पक्षों के बावजूद, यहएक रोमांचक सवारी है जो दर्शकोंको प्रभावित करने में सक्षम है।

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