Mr. Bachchan: क्या यह निर्णय असफल साबित होगा?

Mr. Bachchan:

Mr. Bachchan’review: रवि तेजा की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘Mr. Bachchan’ अब सिनेमाघरों में है। इस फिल्म का निर्देशन हरिश शंकर ने किया है और यह अजय देवगन की सुपरहिट फिल्म ‘Raid’ का आधिकारिक रीमेक है। ‘Mr. Bachchan’ की टीम ने फिल्म को दर्शकों के करीब लाने के लिए हर संभव प्रयास किया। प्रचार भी काफी आक्रामक रहा, लेकिन फिल्म की एक दिन पहले की गई प्रीमियर स्क्रीनिंग ने कुछ सवाल खड़े कर दिए हैं। आमतौर पर, प्रीमियर स्क्रीनिंग तब मददगार होती हैं जब कंटेंट अच्छा होता है। लेकिन इस बार, प्रीमियर रिपोर्ट्स उत्साहजनक नहीं रही हैं।

Mr. Bachchan: प्रीमियर स्क्रीनिंग और इसके प्रभाव

विशेष स्क्रीनिंग के दौरान दर्शकों की समीक्षाएं तेजी से फैलती हैं। जब फिल्म उम्मीदों पर खरा नहीं उतरती, तो ये प्रीमियर अधिक नुकसान कर सकते हैं। कई तेलुगु फिल्मों में ऐसा हो चुका है और एक प्रमुख उदाहरण के रूप में सामंथा की ‘Shaakuntalam’ को देखा जा सकता है। अगर ‘Mr. Bachchan’ की टीम सामान्य रिलीज का विकल्प अपनाती, तो नुकसान कम हो सकता था। इस समय, हरिश शंकर को नेटिज़न्स द्वारा तंग किया जा रहा है और दर्शकों की मुख्य शिकायत यह है कि रीमेक को अनावश्यक ट्रैक और व्यावसायिक तत्वों से भरा गया है।

Mr. Bachchan: फिल्म की समीक्षा

‘Mr. Bachchan’ एक और तेलुगु फिल्म है जो हरिश शंकर के मसाला-लैडन रूपांतरण का हिस्सा है। अजय देवगन की 2018 की हिंदी फिल्म ‘Raid’ की यह 163 मिनट की अडाप्टेशन एक लंबा और थका देने वाला अनुभव बन जाती है। फिल्म का प्रमुख पात्र, रवि तेजा, एक ईमानदार आयकर अधिकारी की भूमिका में है जो एक भ्रष्ट राजनेता के खिलाफ खड़ा होता है। फिल्म का पहला भाग, जिसमें अमिताभ बच्चन के प्रति श्रद्धांजलि दी जाती है, मजेदार लेकिन ओवर-द-टॉप लगता है।

Mr. Bachchan: प्लॉट और पात्र

फिल्म का अधिकांश समय अमिताभ बच्चन की ओवरेडोज श्रद्धांजलि पर केंद्रित है। रवि तेजा की यह भूमिका एक ऐसे आईटी अधिकारी की है जो अपने काम में ईमानदारी से जुड़ा है और उसे अपने व्यवसायिक रूप से कमाना होता है। फिल्म में कई रोमांटिक और संगीत तत्व हैं जो कहानी को पीछे धकेल देते हैं। जब कहानी वास्तव में शुरू होती है, तो अन्य पात्रों की एक श्रृंखला पेश की जाती है, जिसमें जगपति बाबू का चरित्र एक करिकेचर से ज्यादा कुछ नहीं लगता।

Mr. Bachchan: फिल्म की कमजोरियां और सफलता की संभावनाएं

फिल्म की खामियां इसे देखने का अनुभव बोरिंग और थका देने वाला बना देती हैं। भले ही रवि तेजा और भाग्यश्री बोर्से की केमिस्ट्री को दिखाया गया हो, लेकिन रोमांस और संगीत के बीच फिल्म की कहानी कमजोर पड़ जाती है। फिल्म का प्लॉट फिल्म की लंबाई को बहुत बढ़ा देता है और दर्शकों को एक नीरस अनुभव प्रदान करता है।

‘Mr. Bachchan’ एक ऐसा अनुभव है जो बहुत हद तक निराशाजनक साबित होता है। हरिश शंकर के निर्देशन में, यह फिल्म एक व्यर्थ की यात्रा बन जाती है जिसमें मसाला और व्यावसायिक तत्वों की अधिकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि रवि तेजा की दर्शक-आकर्षण क्षमता इस फिल्म को सफल बना पाएगी या नहीं। फिलहाल, फिल्म की समीक्षाएं संकेत देती हैं कि यह एक मिसफायर हो सकता है।

Emergency trailer: कंगना ने इंदिरा गांधी की ज़िंदगी को ‘शेक्सपियरियन त्रासदी’ में बदला

Independence Day 2024: स्वतंत्रता दिवस पर देखे ये 10 देश प्रेमी फिल्म

Hardik Pandya Dating Jasmin Walia: डेटिंग की अफवाहों पर हंगामा

Mirzapur Season 4 And Bonus Episode: OTT रिलीज़ डेट, गुड्डू पंडित ने की बोनस एपिसोड की घोषणा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *