क्या है Hema Committee ?
Hema Committee का गठन 2017 में केरल सरकार द्वारा किया गया था। इसका उद्देश्य मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करना और उनके कार्यस्थल की स्थितियों की जांच करना था। इस कमेटी की अध्यक्षता केरल हाईकोर्ट की रिटायर्ड न्यायाधीश न्यायमूर्ति हेमा द्वारा की गई थी।
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ToggleHema Committee का गठन एक ऐसे समय में किया गया था, जब मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में एक गंभीर घटना ने पूरे देश का ध्यान खींचा। 2017 में एक मशहूर मलयालम अभिनेत्री का अपहरण कर यौन शोषण किया गया, और यह घटना पूरी इंडस्ट्री को हिला देने वाली थी। इसके बाद महिलाओं की सुरक्षा को लेकर उठे सवालों ने केरल सरकार को महिला कलाकारों के कार्यस्थल की सुरक्षा को लेकर सख्त कदम उठाने के लिए मजबूर किया। इसी के परिणामस्वरूप हेमा कमेटी का गठन हुआ।
मलयालम अभिनेत्री का अपहरण और यौन उत्पीड़न: घटना जिसने सबको झकझोर दिया
14 फरवरी 2017 की घटना ने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। उस दिन एक मशहूर अभिनेत्री को उनकी ही कार से कोच्चि में अगवा कर लिया गया। उनके साथ कार में यौन उत्पीड़न किया गया, और इस घटना के बाद इंडस्ट्री के भीतर चल रहे शोषण और असमानता के मुद्दों पर चर्चा शुरू हो गई।
इस मामले में पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया। यह घटना उस वक्त और भी बड़ी बन गई जब इसमें फिल्म इंडस्ट्री के कुछ नामचीन हस्तियों का नाम आने लगा। इसी घटना के बाद मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंताएं और तेज हो गईं। सरकार ने इसे गंभीरता से लिया और इसके चलते हेमा कमेटी का गठन किया गया।
हेमा कमेटी का गठन और उद्देश्य
Hema Committee का मुख्य कार्य था मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिला कलाकारों और अन्य महिला कर्मचारियों की सुरक्षा और कार्यस्थल पर होने वाले भेदभाव और यौन शोषण जैसे मुद्दों की जांच करना। कमेटी को मलयालम सिनेमा की महिलाओं के कार्यस्थल पर होने वाले दुर्व्यवहार को समझना था और इस दुर्व्यवहार को रोकने के लिए उचित सुझाव देने थे।
Hema Committee ने कई महिला कलाकारों और इंडस्ट्री में काम करने वाली महिलाओं से बातचीत की। इस बातचीत के आधार पर, उन्होंने जो निष्कर्ष निकाले, वे बेहद चौंकाने वाले थे। रिपोर्ट ने इंडस्ट्री के भीतर एक गहरे भेदभाव और शोषण के तंत्र का पर्दाफाश किया।
हेमा कमेटी रिपोर्ट के मुख्य खुलासे
Hema Committee ने 2019 में अपनी 295 पन्नों की रिपोर्ट केरल सरकार को सौंप दी थी। हालांकि, यह रिपोर्ट 2024 तक सार्वजनिक नहीं की गई थी, लेकिन अब इसे जारी कर दिया गया है। रिपोर्ट में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के साथ हो रहे विभिन्न प्रकार के शोषण और दुर्व्यवहार का खुलासा किया गया है। इसके कुछ मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
1. यौन उत्पीड़न और कास्टिंग काउच की पुष्टि
Hema Committee रिपोर्ट के अनुसार, मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं को कास्टिंग काउच और यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। इसमें खुलासा किया गया है कि कई महिला कलाकारों को काम देने के बदले अनैतिक मांगें की जाती हैं। उनके साथ शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डाला जाता है, और जो महिलाएं इसके खिलाफ आवाज उठाती हैं, उन्हें इंडस्ट्री से बाहर कर दिया जाता है।
2. पुरुषों का पावर ग्रुप
Hema Committee रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इंडस्ट्री में एक विशेष पुरुष समूह काम कर रहा है, जिसमें निर्माता, निर्देशक और अभिनेता शामिल हैं। यह समूह तय करता है कि किसे काम मिलेगा और किसे नहीं। यह समूह अपने खिलाफ बोलने वालों के करियर को बर्बाद करने की क्षमता रखता है। रिपोर्ट में इसे ‘माफिया’ जैसा समूह कहा गया है, जो इंडस्ट्री में महिलाओं के खिलाफ हो रहे दुर्व्यवहार को बढ़ावा देता है।
3. कोड नेम प्रथा
Hema Committee रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि जो महिलाएं इन अनैतिक शर्तों को मान लेती थीं, उन्हें एक कोड नेम दिया जाता था। यह कोड नेम उस महिला की पहचान का प्रतीक होता था और यह बताता था कि वह महिला इंडस्ट्री में किस तरह से समझौता कर चुकी है।
4. महिलाओं के लिए बुनियादी सुविधाओं की कमी
Hema Committee रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि शूटिंग के दौरान महिलाओं के लिए बुनियादी सुविधाओं का अभाव होता है। लेडीज टॉयलेट और चेंजिंग रूम जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं होती, जिससे महिला कलाकारों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस तरह की असुविधाएं महिलाओं के काम को और कठिन बना देती हैं।
5. शराब और ड्रग्स का इस्तेमाल
Hema Committee रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि शूटिंग के दौरान शराब और ड्रग्स का अत्यधिक इस्तेमाल होता है। यह न सिर्फ कार्यस्थल के माहौल को खराब करता है, बल्कि महिलाओं के लिए इसे और भी असुरक्षित बनाता है।
रिपोर्ट के सार्वजनिक होने में देरी और विवाद
Hema Committee ने अपनी रिपोर्ट 2019 में केरल सरकार को सौंप दी थी, लेकिन इसे सार्वजनिक करने में 5 साल की देरी हुई। इस देरी को लेकर काफी आलोचनाएं हुईं। कई लोगों ने इसे सरकार की तरफ से महिलाओं के खिलाफ हो रहे शोषण को छुपाने की कोशिश बताया।
2024 में सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत दबाव बढ़ने के बाद ही सरकार को रिपोर्ट सार्वजनिक करनी पड़ी। हालांकि, रिपोर्ट के 295 पन्नों में से 63 पन्ने सार्वजनिक नहीं किए गए, जिसके चलते और विवाद खड़ा हो गया।
रिपोर्ट का प्रभाव और इंडस्ट्री में सुधार की मांग
Hema Committee रिपोर्ट के खुलासों के बाद से मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में सुधार की मांग जोर पकड़ रही है। रिपोर्ट ने इंडस्ट्री के भीतर चल रहे शोषण के तंत्र को उजागर किया है और इसमें सुधार की आवश्यकता को रेखांकित किया है।
Hema Committee रिपोर्ट में सुझाए गए सुधार
Hema Committee रिपोर्ट में कई सुधारात्मक सुझाव भी दिए गए हैं, जो इस प्रकार हैं:
- वेतन में समानता: महिला और पुरुष कलाकारों के वेतन में समानता होनी चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया है कि महिला कलाकारों को पुरुषों की तुलना में कम वेतन मिलता है, जो एक बड़ा भेदभाव है।
- शूटिंग स्थानों पर शराब और ड्रग्स पर रोक: शूटिंग स्थलों पर शराब और ड्रग्स का इस्तेमाल बंद किया जाना चाहिए। इससे कार्यस्थल का माहौल सुरक्षित बनेगा और महिलाओं के लिए काम करना आसान होगा।
- महिलाओं की सुरक्षा के लिए सख्त नियम: कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष नियम बनाए जाने चाहिए। शूटिंग के दौरान उनके लिए बुनियादी सुविधाएं जैसे चेंजिंग रूम और टॉयलेट की व्यवस्था की जानी चाहिए।
- यौन शोषण की जांच के लिए स्वतंत्र निकाय: रिपोर्ट में यह सुझाव दिया गया है कि इंडस्ट्री में महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायतों की जांच के लिए एक स्वतंत्र निकाय का गठन किया जाए, जो निष्पक्ष रूप से इन मामलों की सुनवाई करे।
Hema Committee की रिपोर्ट ने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के भीतर महिलाओं के साथ हो रहे शोषण और भेदभाव को उजागर किया है। इस रिपोर्ट ने इंडस्ट्री के अंदर के काले सच को सामने लाया है और इसमें सुधार की जरूरत को उजागर किया है। अब देखना यह होगा कि सरकार और इंडस्ट्री इस रिपोर्ट के सुझावों को किस हद तक लागू करती है और महिलाओं के लिए एक सुरक्षित और समान कार्यस्थल बनाने की दिशा में कितनी गंभीरता से कदम उठाती है।
इस रिपोर्ट के बाद से सोशल मीडिया और फिल्म इंडस्ट्री में इस मुद्दे पर बहस छिड़ गई है, और सुधार की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। हालांकि, इस रिपोर्ट के पूर्ण क्रियान्वयन
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